इससे पूर्व दिव्यांग और 80 वर्ष से ऊपर एवं चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों ने मतदान किया। इनको चार भागों में बांटा गया। जिन्होंने 22 अक्टूबर तक फॉर्म 27 भरा था। उनके लिए आज मतदान हुआ है। दिव्यांग, असहाय एवं 80 वर्ष से ऊपर के लोगों के घर जाकर पोस्टल बैलेट से मतदान लिया गया। मतदाता के सामने ही उस वोट को लिफाफा में डालकर सील किया गया। इसके साथ जो लोग ड्यूटी में शामिल हैं। उनके लिए स्वामी विवेकानंद ओडिटोरियम में पोलिंग सेंटर बनाया गया। पोस्टल बैलेट से 348 मतदाताओं ने मतदान किया है। जिला चुनावी अधिकारी ने बताया कि पोस्टल बैलेट से मिले सभी कवर को स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा। 11 नवंबर को सबसे पहले पोस्टल बैलेट के वोट गिने जाएंगे।
कोरोना का रखा गया ध्यान
लोगों के घर वोट के लिए पहुंची पोलिंग पार्टी ने कोरोना का ध्यान राा। सभी ने मास्क पहने थे। इसके साथ मतदाताओं को सेनेटाइजर से हाथ साफ कराने के बाद बैलेट पेपर मतदान के लिए दिया गया। ऑडिटोरियम में भी थर्मल स्कैनिंग व सेनेटाइजर की प्रकिया की गई।
भीड़ एवं परेशानी से राहत मिली
पोस्टल बैलेट से मतदान करने के बाद सतीश बारड़ ने बताया कि वह मतदान केंद्र तक पहुंचने में असहाय है। उन्होंने फॉर्म 27 भरा था। पोलिंग पार्टी ने घर आकर वोट लिया। उन्होने कहा कि चुनाव विभाग की अच्छी पहल है। मतदान के दिन केंद्र पहुंचने के लिए परेशानी होती उससे उनको राहत मिल गई है।