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Ahmedabad news: ‘राष्ट्रपति निशान` पाने वाला गुजरात बना देश का सातवां राज्य

locationअहमदाबादPublished: Dec 15, 2019 10:14:53 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

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Ahmedabad news: 'राष्ट्रपति निशान` पाने वाला गुजरात बना देश का सातवां राज्य

Ahmedabad news: ‘राष्ट्रपति निशान` पाने वाला गुजरात बना देश का सातवां राज्य

अहमदाबाद. गुजरात पुलिस (Gujarat police )देश की सातवीं ऐसी पुलिस बनी जिसे ‘राष्ट्रपति निशान` (president color) से नवाजा गया। गांधीनगर के कराई में गुजरात पुलिस अकादमी (Gujarat police acadmy) में उपराष्ट्रपति (Vice president) एम. वेंकैया नायडू ने यह निशान सौंपा। इससे पूर्व यह निशान मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, त्रिपुरा और असम पुलिस को दिया जा चुका है। एक लाख से अधिक सुरक्षा कर्मचारियों के बेड़े वाली गुजरात पुलिस की 58 सालों की सेवा, शौर्य, पराक्रम और शहादत के बूते राष्ट्रपति की ओर से गुजरात पुलिस को यह निशान प्रदान किया गया। राष्ट्रपति ‘निशान` खाकी वर्दी पर बाएं हाथ की बांह में पहना जाएगा। यह गुजरात पुलिस के शौर्य का प्रतीक होगा। सम्मान के मिलने से गुजरात के प्रत्येक पुलिस कर्मचारी का जोश और भी ज्यादा बुलंद होगा।
गुजरात के औद्योगिक एवं ढांचागत, शहरीकरण और आर्थिक विकास में गुजरात पुलिस की निष्ठापूर्ण सेवा का महत्वपूर्ण योगदान है। एक मई १९६० को गुजरात राज्य की स्थापना के समय ही बॉम्बे राज्य की जिला पुलिस, सौराष्ट्र और कच्छ राज्य की पुलिस को शामिल करते हुए गुजरात पुलिस का गठन किया गया। गुजरात पुलिस देश का आठवां सबसे बड़ा पुलिस बल है। इसमें 106 8 31 पुलिस अधिकारियों की स्वीकृत संख्या में 8 4476 सिविल पुलिस वहीं 22355 सशस्त्र पुलिस हैं।
ऐसे मिलता है राष्ट्रपति निशान
सेवा, शौर्य, पराक्रम और शहादत को लेकर पुलिस को यह निशान प्रदान किया जाता है। यह श्रेष्ठता व गर्व का प्रतीक है। राष्ट्रपति की ओर से यह निशान दिया जाता है। इसके लिए गुजरात पुलिस ने गुजरात सरकार के गृह विभाग की ओर से गत 21 फरवरी को केन्द्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा। बाद में गृह मंत्रालय ने सी.आर.पी.एफ., बीएसएफ, सीबीआई, रॉ, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), ओडिशा पुलिस और हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक की समिति गठित की। इस समिति ने गुजरात पुलिस के कार्य, संसाधन, हथियार, महकमे, दक्षता, तकनीक, पराक्रम का आंकलन किया। मूल्यांकन में खरा उतरने पर इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजा गया। वहां से इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया। राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद ७ मार्च २०१९ को गुजरात पुलिस को आधिकारिक सूचना मिली कि राष्ट्रपति ने गुजरात पुलिस को राष्ट्रपति निशान देने की मंजूरी दी है।
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