उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी विकास की रफ्तार को मंद नहीं होने दिया। कोरोना के सामने घुटने टेकते हुए अमरीका में १३ शहरों के मेयरों के इस्तीफे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने चुनौतियों से हारकर पलायन नहीं किया है और न करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने हमें आपदा को अवसर में पलटना सिखाया है।
कोरोना के नहीं छिपाए आंकडे रूपाणी ने जोर देकर कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने कोई आंकड़े नहीं छिपाए हैं। सरकार ने हमेशा पारदर्शिता के साथ कार्य किया है और उसका दस्तावेजीकरण भी करने के साथ ही जरूरत पडऩे पर अदालतों में शपथ पत्र भी पेश किया है। उन्होंने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए हमने शासन दायित्व निभाया है। कोरोना के दौरान गुजरात सरकार के कार्यों पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा कि पिछले सवा वर्ष से राज्य सरकार का एजेंडा कोरोना ही रहा है।
उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थिति में असाधारण कदम उठाने पड़ते हैं और इसलिए गुजरात सरकार ने कोरोना के संदर्भ में कोर कमेटी का गठन कर त्वरित निर्णय लिए हैं। हम कभी संशय में नहीं रहते हमेशा एक्शन मोड में रहते हैं।
बेरोजगारी दर सिर्फ ढाई फीसदी रहा उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों ने लॉकडाउन लगाया, लेकिन गुजरात ने जनजीवन की गति को बरकरार रखते हुए कोरोना को नियंत्रित रखने का दृष्टिकोण अपनाया। इसके चलते ही गुजरात में बेरोजगारी की दर केवल ढाई फीसदी ही रही है, जो अन्य राज्यों में करीब २० फीसदी तक रही है।
उन्होंने कहा कि चक्रवात तौकते के बाद प्रभावितों को ५०० करोड़ रुपए से अधिक की सहायता डीबीटी के जरिए सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाने का आयोजन किया गया। आगामी समय में सभी योजनाओं के लाभ डीबीटी के जरिए ही पहुंचाने का सुदृढ़ आयोजन किया गया है।