आईआईएम-ए के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिरला ने बुधवार को प्रो.एरोल डिसूजा को स्थाई निदेशक के पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। इसमें उन्होने कहा कि प्रो.डिसूजा का निदेशक का कार्यकाल एक फरवरी २०१८ से उनके पदभार ग्रहण करते ही शुरू होगा। जो पांच साल का रहेगा।
प्रो.एरोल डिसूजा संस्थान में ही अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। वह फेकल्टी डीन भी हैं। प्रो.डिसूजा संस्थान के स्थाई निदेशक के पद की रेस में आगे चल रहे थे। प्रो.डिसूजा ने मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकीय में स्नातक की डिग्री ली है। इन्हें एमए में पहला स्थान लाने पर काशीनाथ त्रिंबक तेलंग गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। इन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से पीएचडी की उपाधि ली।
इन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी में फिक्की चेयर प्रोफेसर, पेरिस की यूनिवर्सिटी साइंसेज पीओ में इंडियन चेयर प्रोफेसर की भी जिम्मेदारी निभाई। इन्होंने मौद्रिक नीति सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में, योजना आयोग, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की कई समितियों में सदस्य के रूप में सेवाएं दीं हैं।
प्रो.डिसूजा अभी नेशनल हाऊसिंग बैंक में निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी नई दिल्ली और राजस्थान श्रम सारथी एसोसिएशन उदयपुर व इंडियन गोल्ड पॉलिसी सेंटर के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स में सेवाएं दे रहे हैं।
आईआईएम-ए निदेशक रहे प्रो.आशीष नंदा ने कुछ महीनों पहले ही आईआईएम-ए के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिरला को पत्र लिखकर दूसरा कार्यकाल के लिए अरुचि जताई थी। अपना कार्यकाल खत्म होने पर वापस हार्वर्ड लौटने की इच्छा जताई थी। उनकी इस मांग को संस्थान की ओर से स्वीकार कर लिया गया था।