फुटवियर व्यापारी सलीम मेमण के अनुसार पूर्व में फुटवियर पर किसी प्रकार का जीएसटी वसूल नहीं किया जाता था, उसके बाद 5 प्रतिशत जीएसटी लागू करने का निर्णय व्यापारियों ने स्वीकार किया था। उनके अनुसार अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने की बात की गई है, इससे फुटवियर कारोबार चौपट हो सकता है इसलिए यह बात स्वीकार करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि 10 रुपए से अलग-अलग कीमत के चप्पल बाजार में बिकते हैं। छोटे व्यापारी ठेलों पर चप्पल बेचकर रोजी-रोटी प्राप्त करते हंै। फुटवियर को जीवन की आवश्यक वस्तु बताते हुए उन्होंने कहा कि महंगी वस्तुओं पर जीएसटी दर बढ़ानी चाहिए। वर्तमान समय में कच्चा माल महंगा होने से परेशानी बढ़ी है।
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राजकोट. सौराष्ट्र-कच्छ में कपड़े के व्यापारियों के बाद फुटवियर के व्यापारियों ने जीएसटी दर बढ़ाने के विरोध में मंगलवार को दुकानें बंद कर सरकार के निर्णय पर नाराजगी जताई। राजकोट शहर मं में फुटवियर के करीब 400 व्यापारियों ने रेसकोर्स क्षेत्र में नारेबाजी करते हुए रोष जताया। सौराष्ट्र फुटवियर एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रेशभाई अंधेरा ने बताया कि देश में 85 फीसदी किसान, श्रमिक और मध्यवर्ग है, यह लोग सामान्यतया 200 से 500 रुपए तक के जूते पहनते हैं। जीएसटी दर बढ़ाने से जूतों का इसका भाव बढ़ेगा जिसका असर इन लोगों पर पड़ेगा। जूते की कीमत बढऩे से अधिकांश व्यापारियों को व्यापार बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और जूता व्यवसाय से जुड़े कारीगर बेरोजगार हो सकते हैं।
राजकोट. सौराष्ट्र-कच्छ में कपड़े के व्यापारियों के बाद फुटवियर के व्यापारियों ने जीएसटी दर बढ़ाने के विरोध में मंगलवार को दुकानें बंद कर सरकार के निर्णय पर नाराजगी जताई। राजकोट शहर मं में फुटवियर के करीब 400 व्यापारियों ने रेसकोर्स क्षेत्र में नारेबाजी करते हुए रोष जताया। सौराष्ट्र फुटवियर एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रेशभाई अंधेरा ने बताया कि देश में 85 फीसदी किसान, श्रमिक और मध्यवर्ग है, यह लोग सामान्यतया 200 से 500 रुपए तक के जूते पहनते हैं। जीएसटी दर बढ़ाने से जूतों का इसका भाव बढ़ेगा जिसका असर इन लोगों पर पड़ेगा। जूते की कीमत बढऩे से अधिकांश व्यापारियों को व्यापार बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और जूता व्यवसाय से जुड़े कारीगर बेरोजगार हो सकते हैं।