उधर, शहर के सेक्टर-वन-जेसीपी के.एल.एन.राव ने प्रदर्शन, आगजनी, तोडफ़ोड़ करने के मामले में हिरासत में लिए गए आरोपियों में से एक आरोपी राजभा को पुलिस स्टेशन लाने के बाद उसके भाग जाने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इन तीनों पुलिसकर्मियों में सेटेलाइट थाने के लालसिंह, धर्मेन्द्र सिंह और योगेन्द्र सिंह शामिल हैं। इन तीनों के विरुद्ध विभागीय जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। इनकी यह संदिग्ध गतिविधि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद होने बात सामने आई है।
पद्मावत फिल्म को लेकर २५ जनवरी को आहूत भारत बंद के ऐलान के दौरान बापूनगर डीमार्ट के पास एएमटीएस बस पर किए गए पथराव के मामले में भी शनिवार को बापूनगर थाने में हमलावरों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इसमें बस के ड्राइवर अमृत देसाई ने बापूनगर थाने में छह लोगों के विरुद्ध बस पर पथराव करने का आरोप लगाया है। पथराव के चलते उन्हें या बस में सवार यात्रियों को चोट तो नहीं आई, लेकिन बस का आगे वाला मुख्य कांच टूट गया, इससे २० हजार का नुकसान होने का उल्लेख शिकायत में किया है।
उधर, वस्त्रापुर और सेटेलाइट पुलिस ने जिन लोगों के वाहनों में आगजनी हुई है और संपत्ति की तोडफ़ोड़ की गई है ऐसे लोगों को थाने का संपर्क करने को कहा गया है। आरोपी दो दिनों के रिमाण्ड पर
फिल्म पद्मावत के विरोध, आगजनी व हिंसा के आरोप में गिरफ्तार मुख्य सूत्रधार राजेन्द्र सिंह वाघेला को शनिवार देर शाम को जज के आवास पर पेश किया गया। अदालत ने दो दिनों के रिमाण्ड पर पुलिस को सौंपा। पुलिस ने अदालत के समक्ष आरोपी को पेश कर पूछताछ के लिए 7 दिनों के रिमाण्ड की मांग की थी।
रिमाण्ड के कारणों में कहा गया कि आरोपी को फंडिंग किन-किन लोगों ने की। इस घटना में अन्य कौन-कौन से आरोपी शामिल हैं। उधर बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि आरोपी कैंडल मार्च के दौरान मौजूद नहीं था, इसके बावजूद उसे गलत रूप से गिरफ्तार किया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को दो दिनों के रिमाण्ड पर आरोपी को सौंपा।