अहमदाबाद

प्रोवीजनल फीस २०१७-१८ पर भी होगी लागू

फीस निर्धारण कानून पर सरकार की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट की स्पष्टता

अहमदाबादFeb 20, 2018 / 04:30 pm

Nagendra rathor

अहमदाबाद. गुजरात सरकार की ओर से सुप्रीमकोर्ट में की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट किया कि निजी स्कूलों के लिए घोषित की जाने वाली प्रोवीजनल फीस शैक्षणिक वर्ष २०१७-१८ और २०१८-१९ दोनों वर्षों के लिए लागू होगी।
गुजरात सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सुप्रीमकोर्ट की ओर से सोमवार को गुजरात फीस नियमन अधिनियम २०१७ के संदर्भ में एक फरवरी को सुप्रीमकोर्ट की ओर से ही दिए गए अंतरिम आदेश पर स्पष्टता के लिए गुजरात सरकार की ओर से दायर इंटरलोक्युटरी एप्लीकेशन (आईए) पर सुनवाई की गई।
इसमें फीस निर्धारण को लेकर सुप्रीमकोर्ट की ओर से स्पष्टता की गई है कि प्रोवीजनल फीस वर्ष २०१७-१८ और २०१८-१९ दोनों वर्ष के लिए लागू होगी। दोनों पक्षों सरकार और निजी स्कूल एसोसिएशन को किसी भी प्रकार का पूर्वाग्रह नहीं रखना है।
इसके अलावा राज्य सरकार की मांग को ध्यान में रखते हुए सुप्रीमकोर्ट ने चार अन्य मुद्दों पर भी स्पष्टता करते हुए कहा कि शैक्षणिक वर्ष २०१७-१८ की शैक्षणिक फीस, फीस निर्धारण समिति की ओर से निर्धारित की जाएगी। दूसरा फीस निर्धारण समिति के अध्यक्ष पद पर संभव हो तो हाईकोर्ट के निवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति की जाए। यदि उनकी सेवाएं उपलब्ध ना हों तो ऐसी स्थिति में निवृत्त वरिष्ठ जिला न्यायाधीश की नियुक्ति के संदर्भ में निर्णय लिया जा सकता है। लेकिन यह प्रक्रिया हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करने के बाद ही की जाए। इसके अलावा फीस निर्धारण रिवीजन समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर हाईकोर्ट के निवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति करनी होगी। इन न्यायाधीशों का चयन करने के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करना होगा।
वसूली जा रही फीस पर चार सप्ताह में निर्णय करे समिति
सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्टता की है कि फीस निर्धारण समिति, स्कूलों के द्वारा वसूली जा रही फीस के संदर्भ में स्कूल के प्रस्ताव के आधार पर एक सप्ताह की जगह अब चार सप्ताह में अपना निर्णय कर सकेगी।
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