अहमदाबाद. नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआईआर) के महामंत्री डॉ. एम. राघवैय्या अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर हो रहे विकास को लेकर केन्द्र सरकार पर तंज कसते कहा कि रेलवे स्टेशन की साजसज्जा पर करोड़ों खर्च कर सरकार जनता के धन का दुरुपयोग कर रही है। विकास के नाम पर फिजूलखर्ची हो रही है। विकास ठेकेदारों का हो रहा है। यदि विकास करना है तो पटरियों को मजबूत करना चाहिए, सिग्नलिंग का अत्याधुनिकीकरण होना चाहिए। ढांचागत सुविधाएं विकसित करनी चाहिए। साबरमती रेलवे कॉलोनी मैदान में गुरुवार को वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ (डबल्यूआरएमएस) की ओर से आयोजित अधिवेशन को संबोधित करने डॉ. राघवैय्या आए थे। उन्होंने रेलकर्मियों की लंबित मांगों का जिक्र करते कहा कि रेलकर्मियों के लिए नई पेंशन स्कीम रद्द करनी चाहिए। रेलकर्मियों की ड्यूटी भी सैनिकों जैसी ही है। काफी प्रयास के बाद पूर्व रेलमंत्री नई पेंशन स्कीम से रेलकर्मियों को अलग रखकर पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर राजी हो गए थे, लेकिन अब कोई कार्रवाई नहीं हुई। मौजूदा रेलमंत्री पियूष गोयल के समक्ष भी मुद्दा उठाया है कि जो भी रेलकर्मी वर्ष 2004 के बाद शामिल हुए हैं उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन मिलनी चाहिए। जो भी खाली पद हैं उन पदों पर नियुक्तियां होनी चाहिए। रेलकर्मियों की 8 घंटे की ड्यूटी हो राघवैय्या ने कहा कि रेलकर्मियों से बारह घंटे ड्यूटी कराई जाती है। हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू कर रेलकर्मियों से आठ घंटे की ड्यूटी होनी चाहिए। सेफ्टी कैटेगरी में कर्मचारियों को रिस्क और हार्डशिप अलाउंस मिलना चाहिए। लोको पायलट व सहायक लोको पायलट और गार्ड का वर्ष 2017 से किलोमीटर अलाउंस रेट रिवाइज किया जाए। रनिंग स्टाफ के रेस्ट हेड क्वार्टर में 24 घंटे से कम नहीं हो। सभी कैटेगरी के रेलवे स्टाफ को ड्रेस एलाउंस मिलना चाहिए। इस मौके पर डबल्यूआरएमएस के महामंत्री जे.जी. माहुरकर, अध्यक्ष शरीफखान पठान, डबल्यूआरएमएस -अहमदाबाद के सचिव आर.ए. भाटिया मौजूद थे।