कांग्रेस का हाथ थामकर नेतागिरी में आए अल्पेश राधनपुर से ही पहली बार विधायक बने थे, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल होने से इस सीट पर अब उप चुनाव हुआ, जिसमें अल्पेश को हार का सामना करना पड़ा।
राधनपुर सीट पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जुड़े अल्पेश ठाकोर व कांग्रेस प्रत्याशी रघु देसाई के बीच विकास नहीं, अपितु विश्वास के मुद्दे पर चुनावी मुकाबला देखने को मिला। जिसमें जनता ने अल्पेश पर विश्वास नहीं किया और पहले राउंड से ही कांग्रेस आगे रही। मतगणना के प्रथम राउंड से लेकर अंतिम राउंड तक कभी भाजपा आगे नहीं निकली।
जनता ने नहीं किया विश्वास : अल्पेश
भाजपा प्रत्याशी अल्पेश ठाकोर का कहना है कि वे राधनपुर क्षेत्र में विकास के सपने के साथ आए थे, लेकिन जनता ने उनका विश्वास नहीं किया। उन्हें हराने के लिए गलत छवि पेश की गई। उन्होंने कहा कि वे जातिवाद के कारण हारे हैं। वे समाज के लिए लड़ते थे और लड़ते रहेंगे। सत्य की जीत होती है।
राधनपुर में दलबदलू को तीसरी बार हराया
राधनपुर विधानसभा सीट पर दलबदलू को तीसरी बार जनता से नकारा है। वर्ष २०१२ में भाजपा से कांग्रेस में जुड़कर चुनाव लडऩे वाले भावसिंह राठौड़, २०१७ के चुनाव में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में जुड़कर चुनाव लडऩे वाले लविंगजी ठाकोर और अब २०१९ में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जुड़े और उपचुनाव लडऩे वाले अल्पेश ठाकोर को भी राधनपुर की जनता ने हराया है।