पश्चिम रेलवे के मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु कापडिया ने अहमदाबाद मंडल के टिकट चेकिंग स्टाफ नीरज मेहता और वी.डी. बारोट के साथ ट्रेनों में औचक जांच की। जांच में सामने आया कि एजेन्ट्स ने टिकट जारी किए थे, जिसमें ट्रेन संख्या 09165 में बारह यात्रियों के लिए चार टिकट जारी किए थे, जो अहमदाबाद – वडोदरा तक कन्फर्म और दूसरा टिकट वडोदरा से फैजाबाद तक वेटिंग टिकट थे। इसके अलावा ट्रेन संख्या 09483 में 30 यात्रियों को 14 टिकट जारी किए गए, जिसमें पहला भाग अहमदाबाद से सूरत तक कंफर्म और दूसरा भाग अहमदाबाद से बिहार तक वेटिंग टिकट थे। वहीं ट्रेन संख्या 09483 में 22 यात्रियों को 5 टिकट जारी किए थे, जिसमें अहमदाबाद से सूरत तक कन्फर्म टिकट दिए गए। आरोपी टिकट एजेंन्ट्स ने इस तरीके से साठ यात्रियों को 23 टिकट जारी किए थे, जहां टिकट की दरें 27,330 रुपए हुई, जबकि एजेन्ट्स ने यात्रियों से 57750 रुपए वसूले। इस तरीके से यात्रियों से एजेन्ट्स ने 30,420 रुपए ज्यादा रुपए वसूले। इससे पूर्व भी 12 अप्रेल को एक कुली और टिकट एजेन्ट्स को ऐसे ही टिकटों की कालाबाजारी करने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।
कोरोना के चलते मौजूदा समय में यात्रियों को वेटिंग टिकट जारी नहीं किए जाते। ऐसे यात्री ट्रेनों में सफर भी नहीं कर सकते ताकि ट्रेनों में सोशल डिस्टेसिंग बनी रहे। यात्रियों को झांसा देकर एजेन्ट्स ऐसे यात्रियों से वसूली कर रहे हैं।