International woman day: ऐसा स्टेशन जहां सवा सौ वर्ष पहले बनी थी महिला कुली
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गांधीनगर. भावनगर टर्मिनस (Bhavnagar turminus) ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां पर सवा वर्ष पहले महिला कुली (woman collie) बनाई गई थी। मौजूदा समय में भी भावनगर टर्मिनस पर आठ महिला कुली (महिला सहायक) हैं। यही नहीं सोनगढ़ में दो, बोटाद में एक और जूनागढ़ में एक महिला कुली है।
इन दिनों महिला सशक्तिकरण की बातें होती हैं, लेकिन भावनगर के तत्कालीन महाराजा कृष्ण प्रताप सिंह ने वर्ष 1880 में महिला सशक्तिकरण को बढ़़ावा देने की पहल की थी थी और भावनगर रेलवे स्टेशन (Railway station) पर महिला कुलियों को बैज दिए थे। यह महिला कुली भोई जनजाति की थी। यह पहल इन महिलाओं को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि भावनगर के तत्कालीन महाराज कृष्ण प्रतापसिंह ने महिला कलियों की तैनाती की परम्परा की शुरुआत की थी। इसका मकसद महिलाओं को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाना था। ये परम्परा अभी भी बनी हुई है। पहले करीब 35 से 40 महिला सहायक थी, लेकिन अब सिर्फ आठ ही लाइसेंसधारी महिला कुली है।
इस अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन महाराजा ने जिन महिला कुलियों को बैज आवंटित कराए थे उन महिला कुलियों के बाद ये बैज उनकी बेटी या फिर बहू को आवंटित कर दिया जाता था। यह सिलसिला अभी भी बरकरार है। पिछले एक दशक से महिला कुलियों की संख्या में कमी आई है। इसके चलते अब पुरुष कुलियों को भी तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इन कुलियों को सम्मानित किया जाता है। महिला कुलियों को यूनिफार्म, यात्रा और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। रविवार को भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर (International women day) इन महिलाओं को संबोधित किया जाएगा।
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