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सिंचाई व पेयजल की समस्या से मिलेगी निजात

locationअहमदाबादPublished: Sep 21, 2020 01:04:57 am

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

सिलवासा में बारिश, मधुबन डेम लबालब

सिंचाई व पेयजल की समस्या से मिलेगी निजात

सिंचाई व पेयजल की समस्या से मिलेगी निजात

सिलवासा. मानसून की विदाई के समय बारिश होने से इस साल पेयजल और सिंचाई की समस्या नहीं रहेगी। मधुबन डेम पानी से लबालब भर गया है। डेम में 79.74 मीटर ऊंचाई तक पानी भरने की क्षमता है, जिसमें जलस्तर 78.65 मीटर स्केल को छू रहा है।

विदाई के समय बारिश का दौर जारी रहने से डेम में पानी 7734 क्यूसेक की दर से संग्रह हो रहा है। डेम से निकास दर 562 क्यूसेक है। बाढ़ नियंत्रण केन्द्र ने शनिवार रात 38.2 मिमी बारिश दर्ज की है। अब तक सिलवासा में 2261 मिमी व खानवेल में 2277 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। बहरहाल जिले में सत्र की औसत से बारिश का आंकड़ा दूर है। मानसून में औसत 2500 मिमी बारिश होती है। विदाई के समय हो रही बारिश फायदेमंद साबित होगी। डेम भरने के साथ अंबाबारी, दुधनी, मेढ़ा की पहाडिय़ों के बीच खाली जगह पानी भर गया है। दुधनी का जलस्तर करीब 20 मीटर बढ़ गया है। डेम से निकलने वाली सहायक नदिया एवं उन पर बने चेकडेम पानी में डूब गए है। खानवेल विस्तार के शेल्टी, गोरातपाड़ा में झरने बहने लगे हैं। इस विस्तार में खरीफ की फसल अच्छी है। विदाई के समय मानसून मेहरबार होने से मैदानी क्षेत्र सुरंगी, आंबोली, दपाड़ा के कुंओं के जलस्तर काफी वृद्धि हुई है।

दमणगंगा का पानी हुआ साफ


इस बार दमणगंगा का पानी साफ नजर आ रहा है। कोरोना संक्रमण से क्षेत्र के उद्योग-धंधे पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाए हैं, जिससे नदी में प्रदूषण बहुत कम है। मधुबन डेम से निकलने के बाद रखोली से नदी में औद्योगिक प्रदूषण का समावेश होने लगता हैं और वापी तक पहुंचते-पहुंचते नदी के जल का रंग बदल देता है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगों के घर शौचालय बन गए हैं, जिससे नदी किनारे शौच करने वाले बहुत कम रह गए हैं। प्रदूषण पानी से नदी की सुन्दरता दिन दोगुनी रात चौगुनी हो गई है।
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