गिर गाय की विशेषता
गिर गाय को देश की करीब ४० गायों की नस्ल में सबसे पुराना माना जाता है। कच्छ-सौराष्ट्र-भाल प्रदेश के जूनागढ़, पोरबंदर, अमरेली, जामनगर, राजकोट, भावनगर, सुरेन्द्रगर, अहमदाबाद जिले में यह विशेषरूप से देखने को मिलती है। आम देशी गायों की तुलना में यह सबसे ज्यादा दूध देती है। इसका दूध का औसत प्रतिदिन करीब ३० से ४० लीटर और अच्छी देखभाल करनेकी स्थिति में ६० लीटर व उससे ज्यादा भी होने के प्रमाण हैं। इसके दूध में बीटा केसीन ए-2 प्रोटीन मिलता है। यह पचने में भी ज्यादा अच्छा है। लाल, हल्के लाल रंग की और सफेद धब्बे वाली होती है। जन्म के समय २० से २४ किलो वजन होता है, जबकि युवावस्था मं वजन ४०० से ४२५ किलोग्राम तक। सभी प्रकार के भौगोलिक वातावरण में रहने में सक्षम है। १२७ से १३७ सेंटीमीटर लंबी और १२५-१३५ सेंटीमीटर ऊंची होती है। गर्भधारण की क्षमता भी अच्छी है और मृत्यु का प्रमाण कम है।
गिर गाय को देश की करीब ४० गायों की नस्ल में सबसे पुराना माना जाता है। कच्छ-सौराष्ट्र-भाल प्रदेश के जूनागढ़, पोरबंदर, अमरेली, जामनगर, राजकोट, भावनगर, सुरेन्द्रगर, अहमदाबाद जिले में यह विशेषरूप से देखने को मिलती है। आम देशी गायों की तुलना में यह सबसे ज्यादा दूध देती है। इसका दूध का औसत प्रतिदिन करीब ३० से ४० लीटर और अच्छी देखभाल करनेकी स्थिति में ६० लीटर व उससे ज्यादा भी होने के प्रमाण हैं। इसके दूध में बीटा केसीन ए-2 प्रोटीन मिलता है। यह पचने में भी ज्यादा अच्छा है। लाल, हल्के लाल रंग की और सफेद धब्बे वाली होती है। जन्म के समय २० से २४ किलो वजन होता है, जबकि युवावस्था मं वजन ४०० से ४२५ किलोग्राम तक। सभी प्रकार के भौगोलिक वातावरण में रहने में सक्षम है। १२७ से १३७ सेंटीमीटर लंबी और १२५-१३५ सेंटीमीटर ऊंची होती है। गर्भधारण की क्षमता भी अच्छी है और मृत्यु का प्रमाण कम है।