वहीं राजस्थान का रजवाडा, आमेर का किला, शाही सवारी को उकेरा गया है। जनता के नजरिया परखने के बाद ट्रेन के अन्य १४ कोचों में भी ऐसी ही पेन्टिंग की जाएगी।
अहमदाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि डीआरएम दीपक झा का यह कंसेप्ट था, कि जिस तरीके से मिथिला की मधुबनी पेन्टिंग है उसी तर्ज अहमदाबाद मंडल की ट्रेनों में कला- संस्कृति को उकेरा जाए। अगले सप्ताह तक अहमदाबाद-अजमेर इन्टरसिटी ट्रेन में ये कोच लगाए जाएंगे।
अहमदाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि डीआरएम दीपक झा का यह कंसेप्ट था, कि जिस तरीके से मिथिला की मधुबनी पेन्टिंग है उसी तर्ज अहमदाबाद मंडल की ट्रेनों में कला- संस्कृति को उकेरा जाए। अगले सप्ताह तक अहमदाबाद-अजमेर इन्टरसिटी ट्रेन में ये कोच लगाए जाएंगे।
गुजराती पेन्टिंग में कच्छी महिलाओं को सिर पर पल्लू डाले दिखाया गया। वहीं एशियाई शेर की झलक नजर आती है। एशियाई शेर विशेष तौर पर जूनागढ़ के सासणगीर में होते हैं, जो गुजरात की अलग की पहचान हैं। साथ ही परम्परागत काठियावाडी वेशभूषा में महिलाओं और पुरुषों को गरबा में झूमते दिखाया है। कहीं पर ढोल बजाता ढोली और परंपरागत ग्रामीण वेशभूषा में झूमती महिला को उकेरा गया। अहमदाबाद की पहचान मानी जाने वाली सिद्धि सैयद की जाली को भी कोच पर उकेरा गया तो पक्षियों के दाना चूनने की चबूतरा और सारंग बजाता व्यक्ति भी आकर्षण का केन्द्र बना है। वहीं खिड़कियों पर सफेद रंग से रंगा गया और उसके आसपास बारीक पेन्टिंग है और उसके ऊपर हिस्से में बांधनवार की पेन्टिंग नजर आती है।
वहीं राजपूताना धरती राजस्थान की झलक कोच के दूसरे हिस्से में उकेरी जा रही है, जिसमें किले के साथ चारों दीवारें उकेरी गई, जिसमें केसरी रंग से पेन्टिंग है। वहीं सजे-धजे ऊंट-हाथी और बैल को भी उकेरा गया। राजस्थानी वेशभूषा में महिलाएं सिर पर मटकी लेकर जाती नजर आ रही है। एशियाई शेरों को उकेरा है।