प्रधानमंत्री के मुताबिक साल का अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टरों, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है। स्वास्थ्य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू बुरी तरह प्रभावित होता है और सिर्फ परिवार नहीं पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आ जाता है।
भविष्य के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाएगा भारत मोदी के मुताबिक भारत स्वास्थ्य के भविष्य और भविष्य के स्वास्थ्य दोनों में ही सबसे अहम भूमिका निभाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में सतर्कता आई है। सरकार ने गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया। वहीं इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो। साढ़े 3 लाख से ज्यादा गरीब मरीजों को हर रोज इन केंद्रों का लाभ मिल रहे है। सस्ती दवाओं की वजह से गरीबों के हर साल औसतन 3600 करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हेल्थ सेक्टर में समूचित तरीके से काम शुरू किया। आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं। इस योजना ने गरीबों को बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है।