अहमदाबाद

राजकोट कोविड अस्पताल अग्निकांड मामला: पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, संचालक सहित ३ आरोपी चिकित्सक हिरासत में

Rajkot, Covid19, hospital, fire in ICU, FIR, RMC, Rajkot city police, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा, आग के चलते झुलसने से हुई मरीजों की मौत, आईसीयू वार्ड का आपातकालीन द्वार था बंद

अहमदाबादNov 29, 2020 / 10:13 pm

nagendra singh rathore

राजकोट कोविड अस्पताल अग्निकांड मामला: पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, संचालक सहित ३ आरोपी चिकित्सक हिरासत में

राजकोट. राजकोट के कोविड अस्पताल के आईसीयू में आग लगने के चलते पांच मरीजों की मौत होने के मामले में आखिरकार राजकोट पुलिस ने रविवार को प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल के संचालक सहित आरोपी तीन चिकित्सकों को हिरासत में भी ले लिया है। सभी की कोरोना जांच कराई जा रही है।
इनमें राजकोट की उदय शिवानंद कोविड हॉस्पिटल के संचालक डॉ प्रकाश मोढा, राजकोट महानगर पालिका से जिन्होंने अस्पताल की मंजूरी ली है ऐसे डॉ. विशाल मोढा और डॉ तेजस करमटा शामिल हैं।
राजकोट पुलिस ने २७ नवंबर की मध्यरात्रि बाद अस्पताल में आग लगने की घटना के मामले में अभी तक आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था। इस घटना में मारे गए पांच कोरोना मरीजों का पोस्टमार्टम कराने पर उसकी रिपोर्ट में सामने आया कि मरीजों की मौत का कारण आग से झुलसना और दम घुटना था।
केशूभाई अकबरी की मौत दम घुटने से, जबकि रामशी लोह, रसिकलाल अग्रावत, संजय राठौड, नितिन बदाणी की मौत झुलसने के चलते हुई।
जोन दो के पुलिस उपायुक्त मनोहर सिंह जाड़ेजा ने संवाददाताओं को बताया प्राथमिक जांच में सामने आया कि अस्पताल के कोरोना के जिस आईसीयू वार्ड में मरीजों को भर्ती कराया गया था। उस वार्ड में आपातकीलन द्वार बंद हालत में था। उसके आगे मशीनरी रखी हुई थी। आईसीयू वार्ड में वेंटिलेशन की व्यवस्था भी नहीं थी, जिससे धुएं के निकलने की जगह नहीं थी। इमरजेंसी में अस्पताल से बाहर जाने के लिए कोई आपातकालीन द्वार नहीं था।
अस्पताल के कर्मचारियों को आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने के साधनों का उपयोग करने का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। इसके चलते आईसीयू वार्ड के बाहर तैनात पैरा मेडिकल के कर्मचारी आग बुझाने के साधन का उपयोग नहीं कर सके।
इतना ही नहीं आईसीयू वार्ड का दरवाजा तीन फुट चार इंच जितना ही चौड़ा था। आपातकाल के दौरान अस्पाल से बाहर जाने का कोई अन्य दरवाजा नहीं था। केवल चार फुट की चौड़ाई वाली सीढ़ी से ही उतरने की व्यवस्था थी। ग्राउंड फ्लोर पर दो दरवाजे थे, लेकिन बाहर निकलने की दिशा बताने वाले कोई साइन बोर्ड नहीं लगे थे।
ऑटो मेटिक स्प्रिंकल की नहीं थी सुविधा

अस्पताल में आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने के लिए ऑटो मेटिक स्प्रिंकल सिस्टम की सुविधा अस्पताल में नहीं थी। एनबीसी, एनएबीएच और फायर सेफ्टी गाइड लाइन की पालना नहीं की गई थी। अस्पताल संचालकों की घोर लापरवाही के चलते पांच लोगों की मौत हो गई।

Home / Ahmedabad / राजकोट कोविड अस्पताल अग्निकांड मामला: पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, संचालक सहित ३ आरोपी चिकित्सक हिरासत में

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.