हिंदू आध्यात्मिक व सेवा मेला 5 से, 8 जनवरी तक सवेरे 10 से रात 10 बजे तक विविध आयोजन
अहमदाबाद. हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन की गुजरात इकाई की ओर से अहमदाबाद में पहली बार हिंदू आध्यात्मिक और सेवा मेले का आयोजन किया जाएगा। मेला हेलमेट चार रास्ता पर जीएमडीसी के समीप गुजरात यूनिवर्सिटी मैदान पर नरसिंह मेहता नगर में शुक्रवार से 8 जनवरी तक चलेगा।
फाउंडेशन की गुजरात इकाई के सचिव नारायण मेघाणी ने बुधवार को बताया कि आधुनिक और वैश्विक विचारों के प्रभाव के कारण पर्यावरण और जीवों के प्रति दुर्लक्ष भाव, पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों का अवमूल्यन, माता-पिता-गुरुजन व बड़ों के प्रति आदर का अभाव, स्त्री समान में कमी और राष्ट्र प्रेम के अभाव सरीखी समस्याओं का देश सामना कर रहा है। इन बातों को
ध्यान में रखकर इन 6 विचारों को आधार स्तंभ बनाकर वार्षिक मेले का आयोजन करने का निर्णय किया है।
यह रहेगी मेले की थीम :
वन और वन्य जीवों का संरक्षण, जीव सृष्टि का संतुलन, पर्यावरण की सुरक्षा, परिवार और मानव मूल्यों का संरक्षण, नारी संमान की अभिवृद्धि और राष्ट्रभावना की जागृति सहित छह मुद्दों को एकीकृत करके मेले की थीम तैयार की गई है। हिंदू आध्यात्मिक और सेवा मेले का आयोजन वर्ष 2009 से शुरू हुआ और अब तक 13 राज्यों में 24 मेले आयोजित किए जा चुके हैं।
कलश यात्रा : मेले के उद्घाटन से पहले, हेलमेट सर्कल से चार हजार महिलाएं कलश यात्रा में परंपरागत भारतीय वस्त्र पहनकर हिस्सा लेंगी। यह कलश यात्रा शुक्रवार सवेरे साढ़े 9 बजे रवाना होकर कैलाश पर्वत की प्रतिकृति तक पहुंचेंगी।
उद्घाटन कार्यक्रम : शुक्रवार सवेरे 11 बजे हरिद्वार स्थित जूना अखाड़ा के जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अध्यक्षता में कथाकार रमेशभाई ओझा मेले का उद्घाटन करेंगे। मुय वक्ता फाउंडेशन के संस्थापक सीए एस. गुरुमूर्ति होंगे। फाउंडेशन के संत मार्गदर्शक मंडल के संयोजक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती, इंटरनेशन बुद्धिस्ट कॉन्फेडरेशन के महासचिव लामा वेन लोबजांग, अयोध्यापुरम के जैनाचार्य जिनचंदसागर सूरीश्वर (बंधु बेलडी) भी उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
मेले के ये आकर्षण
करीब दो हजार से अधिक संस्थाओं के आवेदनों में से मेले में चयनित 315 से अधिक सेवा-संस्थाओं के 400 से अधिक स्टॉल पर सामाजिक कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। कुल 21 एकड़ भूमि पर यह मेला आयोजित हो रहा है। सामाजिक समरसता के लिए मेले में 11 यज्ञ कुंडों पर प्रतिदिन 33 यानी कुल 99 युगल को हवन करने का अवसर मिलेगा। मेले में अर्वाचीन विलेज भी तैयार किया जा रहा है। इसमें वर्तमान युग की आधुनिक सुविधाएं जैसे सौर पैनल व
मंदिर भी तैयार किया जा रहा है। मिट्टी से बने घड़े बनाने, एंब्रॉयडरी जैसी प्रवृत्ति भी देखी जा सकेगी। विशेषतौर पर जीवन में गांव ना देख सके बालकों व युवा पीढ़ी को गांव से जुडऩे के लिए यह अर्वाचीन विलेज मददगार होगा।
35 फीट ऊंचा शिवलिंग, सोमनाथ मंदिर व कई प्रतिकृति
मेले में विभन्न थीम मूल्यों को ऑडियो-वीडियो व थ्रीडी एनिमेशन के तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा। 35 फीट ऊंचा शिवलिंग, सोमनाथ मंदिर, कैलाश पर्वत-गंगा अवतरण, खोडलधाम, संतराम मंदिर, शत्रुंजय की प्रतिकृति भी तैयार की गई है। पोस्टर और फिल्म मेकिंग स्पद्र्धा भी होगी। पुराने बचपन के खेल कबड्डी, सितोलिया, रुमाल पट्टा भी खिलाएं जाएंगे। बीएसएफ की ओर से शस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। रिमोट संचालित विमान भी उड़ेगा। विज्ञान मॉडल बनाने की स्पद्र्धा भी होगी। तत्व पूजन के तहत शुक्रवार रात को कलाकार मनोज जोशी, निशित मेहता, अंकुर पठान आदि प्रस्तुति देंगे।