Gujarat high court directed to AMC repair demage road immediatly
अहमदाबाद. मानसून के दौरान धुली और खस्ताहाल सड़कों के मुद्दे पर गुजरात उच्चन्यायालय ने अहमदाबाद महानगरपालिका से कई सवाल दागे। न्यायाधीश एम. आर. शाह व न्यायाधीश बिरेन वैष्णव की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान मनपा से पूछा कि अहमदाबाद में मेट्रो ट्रेन से जुड़ी सड़कों व अहमदाबाद के बाहरी इलाकों मे खस्ताहाल सड़कों को लेकर मनपा क्या कर रही है?
खंडपीठ ने यह भी कहा कि अहमदाबाद के जिन इलाकों से मेट्रो ट्रेन गुजरने वाली है, वहां के सड़कों की हालत काफी खराब है। जगह-जगह पर गड्ढे व टीले बन गए हैं। ऐसी सड़कों की तुरंत रिसरफेसिंग की जाए। इसके साथ ही मनपा अहमदाबाद से जुड़ी ग्रामीण इलाकों के तहत आने वाली शहरी इलाकों के सड़कों के लिए मनपा क्या कार्रवाई कर रही है? खंडपीठ के सवाल के जवाब में मनपा की ओर से कहा गया कि मेट्रो ट्रेन जहां से गुजरने वाली है, उन सभी इलाकों में मेट्रो रेल अथॉरिटी या फिर मनपा पॉट सड़कें बनाएगी। अहमदाबाद के ग्रामीण इलाकों में सड़कें बनाने के 23 आवेदन मिले हैं, इनमें से 6 सड़कें बनाने के लिए बजट का आवंटन भी कर दिया गया है।
26 अधिकारियों को नोटिस :
मनपा की ओर से यह भी दलील दी गई कि खराब सड़कों के मुद्दे की जांच के बाद मनपा ने 26 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। इस मामले की जांच अभी भी जारी है और सड़कों के ठेकेदारों को भी नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
गत सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शहर की खस्ताहाल सड़कों के मुद्दे पर अहमदाबाद महानगरपालिका से अब तक की गई सड़कों की मरम्मत तथा रिसरफेसिंग को लेकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। न्यायालय ने सड़क संबंधी समस्याओं को लेकर लोगों की शिकायत सुनी जाए और इसके समाधान को लेकर एक सेल गठित किया जाए। मनपा ने पेश किए गए जवाब में कहा था कि सबसे ज्यादा खराब 90 रास्तों में से 40 रास्तों की एफएसएल रिपोर्ट आ चुकी है। मनपा ने शहर की सड़क संबंधी शिकायत सुनने के लिए शिकायत निवारण प्रणाली के गठन की बात भी कही थी।
छह महीने पहले मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण अहमदाबाद में क्षतिग्रस्त हो गई सड़कों के मामले पर मुश्ताक हुसैन मेहंदी हुसैन कादरी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया कि भारी बारिश के कारण अहमदाबाद मनपा सीमा के तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई सड़कों के बारे में जांच की गुहार लगाई गई है। खराब गुणवत्ता वाली सड़कों के लिए जिम्मेवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।