कुल 26 कलाकार होंगे राणी की वाव की झांकी के साथ कुल 26 कलाकार भी गुजरात की रंगारंग कला और लोक संस्कृति की छटा नई दिल्ली के राजमार्ग पर बिखेरेंगे। झांकी पर रानी की सीढ़ीदार बावड़ी में राहगीर को पानी पिलाती गुजराती नारी, बावड़ी में पानी भरने जा रही मां-बेटी सहित कुल 10 कलाकार होंगे। अहमदाबाद के एक स्कूल की दो छात्राएं बाल पनिहारी के रूप में प्रस्तुति देंगी। सबसे कम उम्र की ये दोनों बालिकाएं पूरी परेड में आकर्षण का केंद्र बनेंगी। इसके अतिरिक्त, 16 कलाकार हाथ में मटकी लेकर गुजराती गरबा ‘हूं तो पाटण शे’र नी नार जाउं जल भरवा, मारे हैये हरख ना माय, जाउं जल भरवा..Ó (मैं तो पाटन शहर की नारी, मैं चली जल भरने, मेरे दिल में खुशी न समाती, मैं चली जल भरने) गाते हुए रानी की वाव की झांकी के साथ परेड में शामिल होंगी।
11 सदी में निर्मित की गई थी वाव गुजरात के पाटण जिले में ऐतिहासिक सरस्वती नदी के किनारे 11वीं सदी में रानी उदयमती की ओर से अपने पति सोलंकी वंश के राजा भीमदेव (प्रथम) की याद में बनवाई गई यह सात मंजिला बावड़ी वास्तव में शिल्प और स्थापत्य कला का बेमिसाल नमूना है। वाव (बावड़ी) और जलाशय सदियों से गुजरात की जीवनरेखा रहे हैं। ऐसे में रानी की वाव का बरसों से जल-मंदिर के रूप में विशेष महत्व रहा है।