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पाटीदार-जाट को मिले आरक्षण : आठवले

locationअहमदाबादPublished: Sep 17, 2017 10:21:57 pm

एक तरह जहां गुजरात में पाटीदार तथा महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन जारी है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमडल सहयोगी व

रामदास आठवले

रामदास आठवले

अहमदाबाद।एक तरह जहां गुजरात में पाटीदार तथा महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन जारी है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमडल सहयोगी व केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने पाटीदारों-मराठों-जाटों को आरक्षण दिए जाने की बात कही है।

शहर में रविवार को संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाटीदारों-जाटों के साथ-साथ मराठा, राजपूत, बनिया, भ्रामण जैसे अन्य समुदायों को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।

मौजूदा आरक्षण ना छेड़ें, अलग से करें प्रावधान

उन्होंने कहा कि यह आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ओबीसी के 49.5 फीसदी के कोटे से नहीं दिया जाना चाहिए। इन समुदायों बल्कि अलग से 25 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे नहीं मानते हैं कि सभी पाटीदार समृद्ध हैं। कई ऐसे पाटीदार हैं, जो गरीब हैं और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री के अनुसार क्रीमी लेयर के तहत निर्धारित आय को ध्यान में रखते हुए सवर्ण समुदाय के गरीब नागरिकों को आरक्षण मिलना चाहिए। शिक्षा और नौकरियों में ऐसे लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए।

‘गुजरात में छुआ-छूत मामलोंं में सजा का कम औसत चिन्ता का विषय’

अहमदाबाद. केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने गुजरात में छुआ-छूत(एट्रोसिटी) के अपराधिक मामलों में आरोपियों को सजा मिलने के कम औसत पर चिन्ता जताकर अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की हिदायत दी। आठवले अपने विभागीय कामकाज की समीक्षा करने रविवार को अहमदाबाद आए थे।

आठवले ने राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि गुजरात में वर्ष 2016-17 में एट्रोसिटी के करीब 1355 केस एवं वर्ष 2017-18 में 1441 केस दर्ज हुए।

सम्बन्धित मामलों में पीडि़तों को वर्ष 2016-17 में 35.41 करोड़ एवं वर्ष 2017-18 में करीब 15 करोड़ रुपए की सहायता दी गई। हालांकि प्रदेश में छुआ-छूत सम्बद्ध मामलों में आरोपियों को सजा का औसत सिर्फ 4.5 फीसदी ही है, जो चिन्ता का विषय है। इस सन्दर्भ में अधिकारियों को गौर करने एवं आरोपियों को सजा का औसत बढ़ाने की दिशा में कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

आठवले ने कहा कि गुजरात में प्रिमेट्रिक छात्रवृत्ति करीब 5.67 लाख एवं पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति लगभग 1.75 लाख विद्यार्थियों को दी गई है। गुजरात में वर्ष 2016-17 में 667 एवं वर्ष 2017-18 में 137 अन्तर जातीय विवाह दर्ज हुए। उन्हें 50 हजार रुपए की सहायता दी गई। ऊना दलित उत्पीडऩ मामले में कहा कि अब तक 43 लोगों एवं चार पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की गई है। इसके अलावा पीडि़तों को करीब 24.25 लाख लाख रुपए की सरकारी सहायता मुहैया कराई गई है।

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