छह से सात गिरोह हैं सक्रिय
शहर में ऑटो रिक्शा में यात्रियों को बिठाकर उनके बैग से कीमती चीज-वस्तुएं चुराने वाले एवं यात्रियों को डरा धमकाकर ठगने वाले छह से सात गिरोह सक्रिय हैं। इसमें कई पहले भी पकड़े जा चुके हैं। जमानत पर छूटने के बाद फिर से उसी अपराध को करने लगते हैं।
शहर में ३९ लोगों को शिकार बनाने वाले ऑटो गैंग का पर्दाफाश करने वाले पीआई आर.एस.सुवेरा बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में बुुजुर्ग महिलाओं, अकेले युवकों को निशाना बनाया जाता है। ७० फीसदी मामले दिन में होते हैं, जबकि ३० प्रतिशत रात के समय में।
-ऑटो रिक्शा में यात्री को बिठाते हैं। ऑटो में पहले से ही गिरोह के दो सदस्य बैठे होते हैं। नए यात्री को वे बीच में बिठाते हैं और उसके बैग याशूटकेश को पास में रखने का कहते हैं। फिर दूसरा सदस्य उसके बैग से कीमती सामान निकाल लेता है। काम हो जाने पर इशारा करते हैं तो चालक बीच रास्ते में ही ऑटो के खराब होने या फिर अन्य यात्री को पास में उतार कर फिर आने का कहकर फरार हो जाते हैं।
-ऑटो में कई बार गिरोह के सदस्य महिला को भी साथ में रखते हैं ताकि किसी को शंका नहीं हो और वे सामान से कीमती चीज वस्तु की चोरी कर सकें।
-ऑटो चालक और उसके साथी यात्री को बिठाकर उसका ध्यान भटकाकर उसके गले से सोने की चेन, महिलाओं के साथों से कंगन को कटर से काट लेते हैं और फिर ऑटो अचानक बंद हो जाने का बहाना बनाकर यात्री को उतार देते हैं। यात्री भी दूसरा ऑटो लेकर चला जाता है। घर पहुंचने पर उसे वस्तु चोरी होने का ध्यान आता है।
-ऑटो चालक और उसके साथी बैग के साथ कीमती वस्तुएं पहने दिखने वाले युवक को बिठाकर उसके बताई जगह ले जाने का बहाना बनाकर उसे सूनसान जगह पर ले जाकर चाकू व हथियार दिखाकर उससे सामान, नकदी लूट लेते हैं और फिर फरार हो जाते हैं।
-ऑटो रिक्शा में सफर के दौरान अपने बैग, शूटकेश को अपने पैरों के नीचे या हाथ में रखें।
-कोई यदि सामान को इधर-उधर रखने का कहे तो ऐसा ना करें।
-यदि बीच रास्ते में ही ऑटो चालक ऑटो खराब होने या अन्य यात्री को पास ही उतार कर वापस आने का कहकर उतारे तो बैग में कीमती सामान जरूर चैक करें।
-महिलाएं कीमती आभूषण पहने हों तो ऑटो में सफर के दौरान उस पर ध्यान रखें।
-मध्यरात्रि के समय ऑटो में सफर के दौरान चालक और ऑटो रिक्शा के नंबर प्लेट की फोटो खींच लें और परिजनों को भेज दें। इससे वह कोई अपराध करने से डरेगा।
ऑटो रिक्शा में यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए आरएफआईडी टैग लगाने का शहर पुलिस का निर्णय सराहनीय है। इससे चलते ऑटो यात्रियों को ठगने वाले आरोपी पकड़े जाएंगे और ड्राइवर बिना वजह बदनाम नहीं होंगे। लेकिन यह निर्णय शटल रूट पर चलने वाले चालकों पर लागू करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। मीटर से चलने वाले तो पहले से ही नियमित यात्रियों को बिठाते हैं।
-विजय मकवाणा, अध्यक्ष, अहमदाबाद रिक्शा चालक एकता यूनियन
आरएफआईडी टैग ऑटो रिक्शा में लगाए जाने पर ऑटो रिक्शा में यात्रियों को बिठाकर उनके कीमती सामान को चुराने वाले ऑटो रिक्शा गैंग के सदस्यों तक पुलिस की पहुंच आसान होगी। जल्द आरोपियों को पकड़ा जा सकेगा। क्योंकि टैग के साथ शहर में ५०-६० जगहों पर आरएफआईडी रीडर भी लगेंगे, जो उसके पास से गुजरने वाले ऑटो को रीड कर उसका डाटा क्राइम ब्रांच सर्वर में भेजेगा। जिसमें ऑटो मालिक, चालक का नाम, पता, नंबर और रूट का ब्यौरा होगा। ऐसे में आरोपियों को जल्द पकड़ा जा सकेगा। यह अहमदाबाद में ऑटो रिक्शा के सफर को और सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाया जा रहा कदम है।
-दीपन भद्रन, पुलिस उपायुक्त, क्राइम ब्रांच