जानकारी के अनुसार 14 मार्च की रात्रि वडोदरा-अहमदाबाद नेशनल हाईवे नंबर 48 पर मातर के सोखडा गांव के समीप तेज रफ्तार मोटरसाइकिल वहां खड़े कंटेनर से आ टकराई। इस दुर्घटना में बाइक सवार जीतेश नौगिया, हरिश राणा, नरेश वणजारा, सुंदरम यादव (सभी अहमदाबाद निवासी) के सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मातर पुलिस ने घटना की प्राथमिकी दर्ज की थी।
सड़क दुर्घटना संदिग्ध लगने पर सीसीटीवी की मदद ली
इस दौरान घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए खेड़ा स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी)भी जांच में शामिल हो गई। पुलिस जांच में यह घटना सड़क हादसा प्रतीत नहीं हो रहा था। किसी निजी दुश्मनी में घटना को अंजाम देने की आशंका पैदा हुई। इस पर पुलिस ने सड़क के सीसीटीवी कैमरों की जांच के साथ रधवाणज टोल टैक्स के कर्मचारियों से पूछताछ की। इस पर पता चला कि एक काले रंग की कार दुर्घटना में मृतक बाइक सवारों के पीछे उन्हें मारने के इरादे से पीछा कर रही थी। इससे बाइक सवार चारों युवक जान बचाकर नडियाद से अहमदाबाद की ओर जा रहे थे। इसके बाद होटल के समीप कार चालक ने गति बढ़ाते हुए मोटरसाइकिल को टक्कर मारी।
इस दौरान घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए खेड़ा स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी)भी जांच में शामिल हो गई। पुलिस जांच में यह घटना सड़क हादसा प्रतीत नहीं हो रहा था। किसी निजी दुश्मनी में घटना को अंजाम देने की आशंका पैदा हुई। इस पर पुलिस ने सड़क के सीसीटीवी कैमरों की जांच के साथ रधवाणज टोल टैक्स के कर्मचारियों से पूछताछ की। इस पर पता चला कि एक काले रंग की कार दुर्घटना में मृतक बाइक सवारों के पीछे उन्हें मारने के इरादे से पीछा कर रही थी। इससे बाइक सवार चारों युवक जान बचाकर नडियाद से अहमदाबाद की ओर जा रहे थे। इसके बाद होटल के समीप कार चालक ने गति बढ़ाते हुए मोटरसाइकिल को टक्कर मारी।
इसके बाद बाइक तेजी से कंपाउंड में खड़े कंटेनर के पीछे के हिस्से से जा टकराई। चारों युवक के सिर में चोट लगने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मातर पुलिस ने खेड़ा एलसीबी की मदद से काले रंग की कार की तलाश शुरू की। कार चालक रवि गोपाल तलपदा, धर्मेश उर्फ काळु तलपदा और विजय उर्फ दीपो तळपदा को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि आरोपियों ने कार के आगे की नंबर प्लेट भी इरादापूर्वक निकाल कर गाड़ी में रखी थी।
गाड़ी की जांच में उसमें कवर किया हुआ छुरा भी बरामद हुआ। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों प्रेम पाल, सतीष और पंकज भावसार से पूछताछ में पता चला कि 13 मार्च को तीनों आरोपी और मृत चारों युवक एक कार और बाइक से सवार होकर अहमदाबाद से नडियाद की ओर रवाना हुए थे। यहां उन्हें आशीष नामक युवक से बातचीत करनी थी।
गाड़ी की जांच में उसमें कवर किया हुआ छुरा भी बरामद हुआ। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों प्रेम पाल, सतीष और पंकज भावसार से पूछताछ में पता चला कि 13 मार्च को तीनों आरोपी और मृत चारों युवक एक कार और बाइक से सवार होकर अहमदाबाद से नडियाद की ओर रवाना हुए थे। यहां उन्हें आशीष नामक युवक से बातचीत करनी थी।

नडियाद रेलवे स्टेशन पर बातचीत के दौरान झगड़े की नौबत आ गई। इससे सातों युवक बाइक और कार से अहमदाबाद की ओर भागने लगे। इनके पीछे काले रंग की कार उनका पीछा करने लगी। जानकारी के अनुसार काले रंग की कार में सवार लोग आगे जा रहे बाइक और कार के लोगों को रूकने की आवाज लगा रहे थे। इसके बाद काले रंग की कार ने दूसरी कार को ओवरटेक करते हुए बाइक को टक्कर मारी जिसके बाद हादसा हुआ।