अहमदाबाद

आरपीएफ कांस्टेबल गुर्जर होंगे राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित

RPF personel, president award, ahmedabad railway division,: बहादुर के लिए सम्मान .. अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई थी नौ लोगों की जान

अहमदाबादSep 03, 2020 / 09:07 pm

Pushpendra Rajput

आरपीएफ कांस्टेबल गुर्जर होंगे राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित

गांंधीनगर. पिछले वर्ष कच्छ जिले के सामख्याली रेलवे स्टेशन (Railway station) और आसपास का इलाका, जहां पन्द्रह से बीस फीट पानी भरा था। पानी का तेज बहाव था। इसके बावजूद अपनी जान की परवाह किए बगैर ही वहां से 200 मीटर दूर फंसे नौ लोगों की जान बंचाने वाले रेलवे सुरक्षा बल (Railway security force) के जवान शिवचरण रामस्वरूप गुर्जर को राष्ट्रपति (presidential award) के “उत्तम जीवन रक्षा पदक” से सम्मानित किया जाएगा। गुर्जर मूलत: राजस्थान में भरतपुर जिले की डीग तहसील के धमारी गांव के रहने वाले हैं। नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में उन्हें यह पदक प्रदान किया जाएगा। गुर्जर अहमदाबाद मण्डल पर महेसाणा पोस्ट पर कार्यरत आरपीएफ में कांस्टेबल हैं।
अहमदाबाद के मण्डल रेल प्रबंधक दीपक कुमार झा ने बताया कि पिछले वर्ष 10 अगस्त को ट्रेन संख्या 12959 दादर-भुज एक्सप्रेस ट्रेन में ड्यूटी पर गांधीधाम जा रहे शिवचरण सिंह गुर्जर ने मानवता की बेहतरीन मिसाल पेशकर निडर एवं साहसपूर्ण कार्य से सामाखियाली स्टेशन पर भारी बारिश और बाढ़ से नौ व्यक्तियों की जान बचाई जिसमें एक महिला भी थी।
गुर्जर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए 20 फुट पानी व तेज बहाव में तैरते हुए लोगों तक पहुंचे जिसमें 8 लोग पेड़ पर फंसे हुए थे जिन्हें उन्होंने रस्सी के सहारे सुरक्षित जगह पहुंचाया। हालांकि इस दौरान अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य में बाधा भी आ रही थी लेकिन अपनी जीवटता एवं दृढ़ निश्चय इरादे के साथ उन्होंने एकाग्रचित्त होकर इस बचाव अभियान को पूरा किया। शिवचरण गुर्जर को इस अदम्य साहस व कर्मनिष्ठा के लिए इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर आरपीएफ के महानिदेशक “प्रशंसा पत्र व पदक” से सम्मानित किया गया। अहमदाबाद मण्डल, जिला प्रशासन तथा पश्चिम रेलवे स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है।
गुर्जर ने राष्ट्रपति अवार्ड की घोषणा होने पर खुशी जताते कहा कि यह मेरे माता-पिता के संसार हैं, जिन्होंने यह सिखाया है कि आपदा में कोई फंसा हो तो उसकी मदद करनी चाहिए। इसका श्रेय आरपीएफ , रेल प्रशासन और गुजरात प्रशासन को देना चाहता हूं।
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