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आरएसयू में जल्द शुरू हो सकता है चीनी भाषा सिखाने का कोर्स

locationअहमदाबादPublished: Sep 20, 2020 10:51:08 pm

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आरएसयू में जल्द शुरू हो सकता है चीनी भाषा सिखाने का कोर्स

आरएसयू में जल्द शुरू हो सकता है चीनी भाषा सिखाने का कोर्स

अहमदाबाद. रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी (आर.एस.यू.) में जल्द ही चीनी भाषा (मैंडरिन) सिखाने का स्पेशल कोर्स शुरू होने वाला है। इसे ताइवान की एशिया यूनिवर्सिटी के सहयोग से शुरू किया जा रहा है।
यह जानकारी आरएसयू के महानिदेशक प्रो. बिमल पटेल ने हाल ही में आरएसयू की ओर से जारी ऑनलाइन किए गए भारत-ताइवान के बीच शिक्षा, शोध और सुरक्षा में आपसी सहयोग पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान दी।
प्रो.पटेल ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करने, देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद का सामना मजबूती से करने के लिए ताइवाइ की विशेेषज्ञता का भी लाभ लिया जा सकता है।
कार्यक्रम में एम्बेसडर एवं ताइवान की इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी एंड इंटरनेशनल अफेयर्स के कुलाधिपति चुंग तवांग टेन, प्रोसपेक्टस फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ टेन सुन चेन व अन्य ने शिरकत की। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के सेंटर फॉर कंटेम्पररी चाइना स्टडीज के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एस एल नरसिम्हन, भारत सरकार केबिनेट सेक्रेट्रिएट के विशेष सचिव कृष्णन वर्मा एवं आरएसयू के डीजी प्रो.बिमल पटेल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में ताइवाइन के एम्बेसडर ने भारत के साथ लॉजिस्टिक एवं सप्लाई चेन मैनेजमेंट (रसद एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन) में विशेष ध्यान देने की इच्छा व्यक्त की।
आरएसयू महानिदेशक प्रो. पटेल ने कहा कि आरएसयू आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सिक्योरिटी एंड साइंटिफिक टेक्निकल रिसर्च एसोसिएशन (सस्त्र) के जरिए स्वदेशी रक्षा तकनीक एवं उपकरण विकसित करने की दिशा में कार्यरत है।
उन्होंने कहा कि ताइवाइन इस क्षेत्र की सुरक्षा, शांति और समृद्धि में भारत का एक अहम सहयोगी साबित हो सकता है।
इस कार्यक्रम के जरिए भारत और ताइवान के बीच सूचना तकनी, पुलिस, सुरक्षा, रसद एवं आपूॢत श्रृंखला प्रबंधन के क्षेत्र में आपसी सहयोग में आगे बढऩे पर सहमति बनी। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के शिक्षाविद, वरिष्ठ शोधार्थी, सरकारी अधिकारी एवं डिप्लोमेट्स ने शिरकत की।
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