्रसाबरमती बलोलनगर सोसायटी के सामने स्थित साबरमती सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. जीतू पटेल के मध्यस्थ कार्यालय में चुनाव के दौरान जहां कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भारी चहल-पहल रहती थी। वहां शुक्रवार सुबह से दोपहर के दौरान कोई कार्यकर्ता नजर नहीं आ रहा था। दिख रहे थे तो सिर्फ टैंट हाउस के कर्मचारी जो तंबू को उखाडऩे और चांदनी खोलने में लगे थे। डॉ. जीतू पटेल के कटआउट को दीवार किनारे लगा दिया गया था तो बैनर भी ले जाए जा रहे थे।
ऐसा ही नजारा बलोलनगर चार रास्ते के पास भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेल के मध्यस्थ कार्यालय में नजर आया। यहां तो टैंट कर्मचारियों ने तंबू को उखाडक़र टैंपों में रख लिया था। कुछ पार्टी चिन्हों वाली प्रचार सामग्री रखी हुई थी। कार्यकर्ता कोई भी नहीं था।
गुजरात विधानसभा चुनाव का मतदान पुरा होने के बाद प्रत्याशी व समर्थक सुस्ताने लगे हैं। कार्यकर्ताओं से धमधमाने वाले मध्यस्थ कार्यालय अभी सूने पड़े हैं। अनेक मध्यस्थ कार्यालय तो बंद भी हो गए हैं। शहर की जमालपुर-खाडिया सीट के प्रत्याशी भूषण भट्ट (भाजपा), इमरान खेड़ावाला (कांग्रेस) व दाणीलीमडा (एससी) के जितेन्द्र वाघेला (भाजपा) व शैलेष परमार (कांग्रेस) के कार्यालय का हाल भी कुछ इसी प्रकार था। इमरान व जितेन्द्र वाघेला के कार्यालय के ताले लगे मिले तो भूषण व शैलेष के कार्यालय खुले मिले। कार्यालयों में बैठे दो-चार समर्थक भी इस प्रकार बैठे थे।
भाजपा मीडिया सेंटर में सन्नाटा, अब कमलम् से राजनीतिक गतिविधियां
अहमदाबाद के सोला इलाके में स्थित भाजपा मीडिया सेंटर में शुक्रवार को सन्नाटा दिखा। यह सेंटर गुजरात चुनाव ? के दौरान डेढ़ महीने तक भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रह था। वह अब चुनाव संपन्न हो जाने के बाद अब पूरी तरह वीरान पड़ा है। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह , प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी, कई केन्द्रीय मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता सहित कई पदाधिकारियों का जमावड़ा रहा। अब सारी गतिविधियों का केंद्र गांधीनगर जिला की खबर भाजपा भाजपा प्रदेश मुख्यालय कमलम् रहेगा।
नशाबंदी कानून के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में नशाबंदी कानून के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने यह अवलोकन किया है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता में मुद्दामाल छोडऩे के प्रावधान को नशाबंदी के कानून में अमलीकरण नहीं किया जा सकता।
न्यायालय के मुताबिक दस लीटर या इससे ज्यादा शराब के साथ जप्त वाहनों को छोडऩे के अंतरिम आदेश का अधिकार निचली अदालत को नहीं है। नशाबंदी कानून की धारा 98(2) मजिस्टे्रट के अधिकार को सीमित रखती है। गत दिनों कपड़वंज की पुलिस ने शराब सहित कार जप्त की गई। कार छुड़ाने के लिए याचिकाकर्ता ने पहले मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष याचिका दायर की, जिसे मजिस्ट्रेट अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी।