अहमदाबाद. स्थानीय सत्र अदालत ने मंगलवार को वर्ष 2015 से जुड़े राजद्रोह प्रकरण में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के मुख्य संयोजक हार्दिक पटेल व उसके दो साथी-दिनेश बांभणिया व चिराग पटेल के खिलाफ आरोपतय किए। हार्दिक व अन्य के खिलाफ राजद्रोह (आईपीसी की धारा 124 ए), सरकार के खिलाफ युद्ध छेडऩे (आईपीसी की धारा 121 ए) तथा आपराधिक षडयंत्र (आईपीसी की धारा 120 बी) के तहत आरोप तय किए गए।
शहर के जीएमडीसी मैदान में 25 अगस्त 2015 को पाटीदारों के ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग को लेकर महारैली का आयोजन किया गया था। इसके बाद राज्यभर में हिंसा भडक़ी थी। क्राइम ब्रांच ने अक्टूबर 2015 में इस मामले में हार्दिक सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
इससे पहले क्राइम ब्रांच ने इस मामले में जनवरी 2016 में मेट्रोपोलिटन अदालत में 2700 पेज का आरोपपत्र पेश किया था। इसके बाद से लगातार आरोपियों के उपस्थित नहीं रहने या अन्य कई तकनीकी कारणों से आरोप तय की प्रक्रिया टल जाती थी।
मंगलवार को तीनों आरोपी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिलीप पी महिडा की अदालत में एक साथ उपस्थित रहे जिसके बाद इनके खिलाफ आरोपतय किए गए।
इस तरह आरोप पत्र पेश करने के ढाई वर्ष से भी ज्यादा समय के बाद इस मामले में आखिरकार आरोपतय की प्रक्रिया पूरी हुई। अब इस मामले में मुकदमा आरंभ होगा। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
शहर के जीएमडीसी मैदान में 25 अगस्त 2015 को पाटीदारों के ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग को लेकर महारैली का आयोजन किया गया था। इसके बाद राज्यभर में हिंसा भडक़ी थी। क्राइम ब्रांच ने अक्टूबर 2015 में इस मामले में हार्दिक सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
इससे पहले क्राइम ब्रांच ने इस मामले में जनवरी 2016 में मेट्रोपोलिटन अदालत में 2700 पेज का आरोपपत्र पेश किया था। इसके बाद से लगातार आरोपियों के उपस्थित नहीं रहने या अन्य कई तकनीकी कारणों से आरोप तय की प्रक्रिया टल जाती थी।
मंगलवार को तीनों आरोपी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिलीप पी महिडा की अदालत में एक साथ उपस्थित रहे जिसके बाद इनके खिलाफ आरोपतय किए गए।
इस तरह आरोप पत्र पेश करने के ढाई वर्ष से भी ज्यादा समय के बाद इस मामले में आखिरकार आरोपतय की प्रक्रिया पूरी हुई। अब इस मामले में मुकदमा आरंभ होगा। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
कागजात पर हस्ताक्षर करने में आनाकानी इस मामले के मुख्य सरकारी सुधीर ब्रह्मभट्ट ने बताया कि तीनों आारोपी सत्र अदालत में उपस्थित रहे और आरोपतय किए जाने की प्रक्रिया के तहत 18 पेज के आरोप आरोपियों के समक्ष सुनाए गए। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी संबंधित कागजातों पर अपने हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे, लेकिन अदालत के सख्त रवैया अपनाने के बाद इन आरोपियों ने कागजातों पर अपने हस्ताक्षर किए। तीनों आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।
कथीरिया के खिलाफ बाकी, अमरीश फरार इस मामले में क्राइम ब्रांच ने हार्दिक, दिनेश, चिराग के साथ-साथ चिराग पटेल के खिलाफ भी आरोपपत्र पेश किया था। इसमें अल्पेश कथीरिया व अमरीश पटेल को वांछित घोषित किया गया था। हालांकि बाद में केतन पटेल इस मामले में गवाह बन गए। वहीं अल्पेश कथीरिया को कुछ ही महीने पहले गिरफ्तार किया गया है वहीं एक अन्य आरोपी अमरीश पटेल की गिरफ्तारी बाकी है।