कहां से अंतरिक्ष सीमा यह नहीं है तय!
प्रो. भांटे ने कहा कि स्पेस टूरिज्म में हाइब्रीड एरोस्पेस व्हीकल का उपयोग किया जाता है, जो एयर क्राफ्ट और स्पेस क्राफ्ट दोनों ही तरीके से काम करता है, लेकिन एयर ट्रैवल एवं स्पेस ट्रैवल के लिए अलग-अलग कानून है। ऐसे में हाईब्रिड एयरो स्पेस व्हीकल के लिए कौन-सा कानून लागू होगा यह स्पष्ट नहीं है। हवाई सीमा कहां पूरी होती है और अंतरिक्ष कहां से प्रारंभ होता है। इसके लिए फिलहाल कोई अंतरराष्ट्रीय सहमति नहीं है।
प्रो. भांटे ने कहा कि स्पेस टूरिज्म में हाइब्रीड एरोस्पेस व्हीकल का उपयोग किया जाता है, जो एयर क्राफ्ट और स्पेस क्राफ्ट दोनों ही तरीके से काम करता है, लेकिन एयर ट्रैवल एवं स्पेस ट्रैवल के लिए अलग-अलग कानून है। ऐसे में हाईब्रिड एयरो स्पेस व्हीकल के लिए कौन-सा कानून लागू होगा यह स्पष्ट नहीं है। हवाई सीमा कहां पूरी होती है और अंतरिक्ष कहां से प्रारंभ होता है। इसके लिए फिलहाल कोई अंतरराष्ट्रीय सहमति नहीं है।
स्पेस टूरिज्म की सुरक्षा का जिम्मा किसके पास?
प्रो. भांटे ने कहा कि स्पेस टूरिज्म में सबसे बड़ा मुद्दा यात्रियों की सुरक्षा का है। मौजूदा समय में तो फेडरल एविशन एडमिनिस्ट्रेशन ध्यान रखते हैं। कॉमर्शियल स्पेस कंपनियों की गतिविधियों से जमीन या हवा में आमजन को कोई जोखिम नहीं है, लेकिन स्पेस क्राफ्ट में अंतरिक्षयात्रा जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की कोई देखरेख नहीं है।
प्रो. भांटे ने कहा कि स्पेस टूरिज्म में सबसे बड़ा मुद्दा यात्रियों की सुरक्षा का है। मौजूदा समय में तो फेडरल एविशन एडमिनिस्ट्रेशन ध्यान रखते हैं। कॉमर्शियल स्पेस कंपनियों की गतिविधियों से जमीन या हवा में आमजन को कोई जोखिम नहीं है, लेकिन स्पेस क्राफ्ट में अंतरिक्षयात्रा जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की कोई देखरेख नहीं है।