गोहिल 2020 में गुजरात से राज्यसभा के सांसद चुने गए। वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और हरियाणा व दिल्ली प्रदेश के प्रभारी के तौर पर कार्यरत थे। वे 90 के दशक के दौरान राज्य सरकार में मंत्री के रूप में सेेवाएं दे चुके हैं। साथ ही गुजरात विधानसभा में 2007 से 2012 के दौरान विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे भावनगर शहर और कच्छ जिले के अबडासा से विधायक भी रह चुके हैं।
इस बार सौराष्ट्र के नेता पर दारोमदार कांग्रेस ने अपनी गुजरात ईकाई के लिए इस बार सौराष्ट्र के नेता पर अपना दारोमदार रखा है। इससे पहले ठाकोर उत्तर गुजरात, अमित चावड़ा व भरत सिंह सोलंकी मध्य गुजरात का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इससे पहले सौराष्ट्र क्षेत्र से अर्जुन मोढ़वाडिया प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल चुके हैं।
यूथ कांग्रेस से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तक का सफर 4 अप्रेल 1960 को भावनगर जिले के लीमडा में जन्मे गोहिल क्षत्रिय समुदाय के बड़े नेता रहे हैं। भावनगर विवि से स्नातक, सौराष्ट्र विवि से कानून की डिग्री व
पत्रकारिता में डिप्लोमा कर चुके गोहिल को 1986 में भावनगर जिला युवा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वे 1990 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य बने। इसी वर्ष वे भावनगर दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक बने। 1991 से लेकर 1995 तक वे दो सरकारों में वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण व नर्मदा विभाग के मंत्री रहे। वे गुजरात में सबसे युवा मंत्री थे जिनके पास सबसे ज्यादा विभाग थे।
कांग्रेस का बढ़ेगा जनाधार शक्तिसिंह गोहिल जमीन से जुड़े हुए कर्मठ नेता हैं। उन्होंने कांग्रेस के छोटे कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक का सफर तय किया है। ऐसे नेता के नेतृत्व में गुजरात प्रदेश कांग्रेस का भविष्य उज्जवल होगा। गुजरात विधानसभा में भी वे शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं। उनके अध्यक्ष रहने से कांग्रेस का जनाधार बढ़ेगा।
हिम्मत सिंह पटेल, कार्यकारी अध्यक्ष, गुजरात प्रदेश कांग्रेस