अहमदाबाद. गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर १९८३ बैच के आईपीएस अधिकारी शिवानंद झा की बुधवार को नियुक्ति कर दी गई। प्रभारी डीजीपी प्रमोद कुमार के बुधवार को सेवानिवृत्त होने से चंद घंटों पहले ही शिवानंद झा के स्थाई डीजीपी की नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा कर दी गई। उनके बुधवार देर शाम पदभार ग्रहण करने की संभावना है।
गुजरात को करीब दो साल के बाद स्थाई डीजीपी मिला है। इससे पहले १९७९ बैच के आईपीएस अधिकारी पी.सी.ठाकुर को दिसंबर-२०१३ में राज्य का डीजीपी बनाया गया था। अचानक अप्रेल-२०१६ में उनकी केन्द्र में प्रतिनियुक्ति कर दिए जाने के बाद से ही राज्य में प्रभारी डीजीपी के जरिए
काम चलाया जा रहा था।
चार अप्रेल १९६० में जन्मे बिहार के मूलनिवासी शिवानंद झा २८ अगस्त १९८३ को आईपीएस अधिकारी बने। फिलहाल वह १३ अक्टूबर २०१६ से सीआईडी इंटेलीजेंस के डीजीपी पद पर सेवारत हैं।
झा डीजीपी पद पर करीब दो सालों तक रहेंगे। यह गुजरात के डीजीपी पी.सी.ठाकुर के बाद सबसे बड़ा कार्यकाल होगा। ठाकुर डीजीपी के पद पर गुजरात में करीब तीन साल चार महीने तक सेवारत रहे थे।
गुजरात में ठाकुर को प्रतिनियुक्ति पर अप्रेल-२०१६ में केन्द्र में भेजे जाने के बाद से ही डीजीपी का पद रिक्त था। प्रभारी डीजीपी के सहारे चल रहा था। गुजरात में विधानसभा चुनावों के समर के बीच स्थाई डीजीपी की नियुक्ति की आस बंधी थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। चुनाव आयोग के निर्देश पर एक दिसंबर २०१७ को राज्य के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रमोद कुमार को राज्य का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया था।
इससे पहले राज्य की पहली प्रभारी महिला डीजीपी गीता जौहरी सेवा निवृत्त हो गई थीं। उनके अनुगामी के बारे में कोई फैसला नहीं हो पाया था, जिसके चलते एडीजीपी मोहन झा को लुक आफ्टर चार्ज सौंपा गया था।
राज्य में स्थाई डीजीपी की नियुक्ति को लेकर एक जनहित याचिका भी गुजरात उच्च न्यायालय में लंबित है।
राज्य में दिसंबर-२०१३ में १९७९ बैच के आईपीएस अधिकारी पी.सी.ठाकुर की स्थाई डीजीपी के रूप में नियुक्ति की गई थी। लेकिन अप्रेल-२०१६ में उनकी प्रतिनियुक्ति केन्द्र में कर दी गई थी। उनकी जगह पी.पी.पांडे को अप्रेल-२०१६ में ही राज्य का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया था तब से ही राज्य में प्रभारी डीजीपी के भरोसे पुलिस महकमा चल रहा था।
सितंबर २०१६ को ठाकुर की प्रतिनियुक्ति रद्द की गई। इसके बाद वह अवकाश पर उतर गए और दिसंबर २०१६ में ही वह अवकाश के दौरान ही सेवानिवृत्त भी हो गए।
पांडे को प्रभारी डीजीपी बनाए जाने का मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंचने पर उन्होंने मार्च २०१७ में पद छोड़ दिया था। इसके बाद अप्रेल-२०१७ को गीता जौहरी को राज्य का प्रभारी डीजीपी बनाया गया। वह पहली प्रभारी महिला डीजीपी थीं।