गोली मारकर की आणंद के युवक की हत्या
शहर के मूल निवासी युवक की अमरीका के मोटेल में लूट के इरादे से अश्वेत हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक का अंतिम संस्कार अमरीका में किया जाएगा,

आणंद।शहर के मूल निवासी युवक की अमरीका के मोटेल में लूट के इरादे से अश्वेत हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक का अंतिम संस्कार अमरीका में किया जाएगा, उसके माता-पिता अमरीका रवाना हो चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार शहर में लांभवेल रोड पर रहने वाले व आटर््स कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य रमेश तलाटी के एकमात्र पुत्र आकाश (40 वर्ष) के साथ मोटेल में यह वारदात हुई। यहां वल्लभ विद्यानगर स्थित सरदार पटेल यूनिवर्सिटी से स्नातक उपाधि प्राप्त करके 10 वर्ष पहले वह अमरीका गया था। उसने सूरत की युवती मितल के साथ अमरीका में विवाह किया था। पिछले 10 वर्ष से वह नॉर्थ केरोली राज्य के फेटविल टाऊन में पत्नी मितल व आठ वर्ष के पुत्र जय के साथ रह रहा था। मोटेल में व्यवसाय करने वाले आकाश पर अमरीका के समयानुसार गुरुवार को मोटेल में अज्ञात अश्वेत हमलावरों ने लूट के इरादे से हमला किया।
लूट का प्रयास कर रहे हमलावरों से आकाश व तीन साथी कर्मचारियों ने मुकाबला किया। छीना-झपटी के दौरान हमलावर ने गन से अंधाधुंध फायरिंग की। आकाश व तीन कर्मचारियों को गोली लगने के कारण वे गिर पड़े और हमलावर फरार हो गए। आकाश की मौके पर मौत हो गई। तीनों घायलों को वहां के अस्पताल में भर्ती किया गया। इनमें एक की हालत गंभीर बताई गई है। जानकारी मिलने पर आकाश की पत्नी मितल व मित्र भी मोटेल पर पहुंचे। आणंद में सूचना मिलने पर आकाश के पिता रमेश व माता अनिला गमगीन हो गए। मित्र व रिश्तेदार भी रमेश के घर पहुंचे और दंपती को सांत्वना दी।
रमेश के मित्र व पड़ोसी प्रो. डी.सी. पटेल के अनुसार आकाश अमरीका से माता-पिता से मुलाकात के लिए प्रत्येक छह महीनों में आणंद आता था और कुछ दिन यहां रहने के बाद पुन: अमरीका जाता था। उसके वृद्ध माता-पिता भी प्रत्येक दो वर्ष में पुत्र के परिवार से मिलने के लिए अमरीका जाते थेे। आकाश को आगामी जनवरी महीने में आना था, लेकिन अब अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए माता-पिता को अमरीका रवाना होना पड़ा।
जन का मन टटोल रही हैं एजेसियां
गुजरात में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही विभिन्न एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। राजनीतिक दल और सर्वे करने वाली प्रोफेशनल संस्थाएं ही नहीं, सरकारी एजेंसियां भी चुनावों को लेकर लोगों का मन टटोल रही हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव पर इस बार पूरे देश की निगाहें हैं। करीब डेढ़ दशक बाद यह पहला मौका है, जब प्रदेश भाजपा नरेंद्र मोदी के बगैर चुनाव में उतर रही है। दो दशक से ज्यादा लंबी एंटी इनकमबेंसी और मोदी के बगैर भाजपा की जोर आजमाइश के बीच पिछले कुछ दिनों में हुए आंदोलनों ने कांग्रेस को भी संजीवनी देने का काम किया है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि प्रदेश का मन किधर जाने का है। यह बेचैनी आम आदमी ही नहीं, राजनीतिक दलों में भी है।
भाजपा और कांग्रेस की निजी टीमें पिछले छह महीने से लोगों के बीच जाकर उनके मन को टटोल ही रही हैं, अब विभिन्न सर्वे एजेंसियों ने भी लोगों से मिलकर रायशुमारी शुरू कर दी है। सैम्पल सर्वे कर डाटा जमा किए जा रहे हैं। कई एजेंसियां छपे हुए प्रोफार्मा पर लोगों से तय सवालों पर जवाब ले रही हैं। इन सबके बीच सरकारी एजेंसियां भी हवा के रुख को समझने की कोशिश में हैं। इनमें आईबी की टीमें भी प्रदेशभर में लोगों के मिजाज का जायजा ले रही हैं।
संपर्कों को कर रहे हैं ताजा
भाजपा-कांग्रेस की टीमें हों या एजेंसियां और प्रदेश के राजनीतिक हालात को समझने के लिए अपने संपर्कों को ताजा कर रहे हैं। आईबी अधिकारी भी अपने संपर्कों को दोबारा रिवाइव कर फोन पर या मिलकर हालात पर चर्चा कर रहे हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Ahmedabad News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज