दे सकती है १६ दवाईयां ऑल टाइम मेडिसिन मशीन के जरिए 16 दवाईयों (टेबलेट-कैप्सूल) देने का प्रोटोटाइप विकसित किया जा चुका है। इसे देने के लिए डॉक्टर को अपने कंप्यूटर पर रोगी के रोग के अनुरूप दवाई और उसका डोज लिखना होगा। डॉक्टर की लिखी हुई दवाई को सॉफ्टवेयर कीमदद से क्यूआर कोड में बदल दिया जाएगा। जिसकी प्रिंट आउट डॉक्टर रोगी को देगा। यह प्रिंट आउट ऑल टाइम मेडिसिन (एटीएम) मशीन के स्केनर के सामने स्केन करने पर पलभर में आपके हाथ में दवाई होगी। इसके जरिए १६ नहीं और अधिक दवाई और सिरप भी दी जा सकती है।
दवाई वितरण में कारगर साबित हो सकती है मशीन
यह मशीन विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सरकारी अस्पतालों में दवाई वितरण में कारगर साबित हो सकती है, जहां दवाईयों का वितरण करने के लिए कर्मचारियों की कमी होती है। चिकित्सकों को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। शहरों के भीड़-भाड़ वाले इलाके के अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका बेहतर पहलू यह है कि इसमें गलत दवाई मिलने की संभावना नहींवत है, जो कभी कभार भीड़ होने पर केमिस्ट के यहां हो सकती है।
– प्रोफेसर केतन पटेल।
यह मशीन विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सरकारी अस्पतालों में दवाई वितरण में कारगर साबित हो सकती है, जहां दवाईयों का वितरण करने के लिए कर्मचारियों की कमी होती है। चिकित्सकों को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। शहरों के भीड़-भाड़ वाले इलाके के अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका बेहतर पहलू यह है कि इसमें गलत दवाई मिलने की संभावना नहींवत है, जो कभी कभार भीड़ होने पर केमिस्ट के यहां हो सकती है।
– प्रोफेसर केतन पटेल।