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जल्द एटीएम से मिलेगी दवाई!

locationअहमदाबादPublished: Apr 29, 2019 11:20:06 am

विश्वकर्मा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों का अनूठा इनोवेशन, गांवों-शहरों में मिस्टेक फ्री दवाई की उपलब्धता में हो सकती है कारगर

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जल्द एटीएम से मिलेगी दवाई!

नगेंद्र सिंह

अहमदाबाद. आमतौर पर एटीएम का नाम लेते ही जेहन में रुपए निकालने वाली मशीन की तस्वीर सामने आती है। जहां एटीएम कार्ड स्वाइप करने पर रकम पलभर में आपके हाथों में होती है, लेकिन अहमदाबाद में एटीएम की तरह की एक ऐसी मशीन तैयार की जा रही है, जिसमें आपको चिकित्सक की ओर से लिखी हुई दवाई की परामर्श वाली पर्ची दिखाने पर दवाईयां प्राप्त होंगीं, वह भी लिखी हुई खुराक के अनुसार।
विश्वकर्मा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज चांदखेड़ा के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स (ईसी) पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष (आठवें सेमेस्टर) के विद्यार्थियों की ओर से इसे विकसित किया जा रहा है।
प्रोफेसर केतन पटेल के मार्गदर्शन में चार छात्रों- जैनम गांधी, पूजन पटेल, धवल सोजित्रा और निर्मल पटेल ने डिजाइन इंजीनियरिंग की मदद से इसका प्रोटोटाइप भी तैयार कर लिया है। इसे ऑल टाइम मेडिसिनÓ(एटीएम-एटि मेडि) मिस्टेक फ्री ड्रग डिलीवरी सिस्टम नाम दिया है।
विद्यार्थियों के इस अनूठे इनोवेशन और प्रोजेक्ट को कॉलेज की ओर से वर्ष के श्रेष्ठ प्रोजेक्ट अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है जिसके तहत प्रमाण-पत्र और २५०० की नकद राशि दी गई।
दे सकती है १६ दवाईयां

ऑल टाइम मेडिसिन मशीन के जरिए 16 दवाईयों (टेबलेट-कैप्सूल) देने का प्रोटोटाइप विकसित किया जा चुका है। इसे देने के लिए डॉक्टर को अपने कंप्यूटर पर रोगी के रोग के अनुरूप दवाई और उसका डोज लिखना होगा। डॉक्टर की लिखी हुई दवाई को सॉफ्टवेयर कीमदद से क्यूआर कोड में बदल दिया जाएगा। जिसकी प्रिंट आउट डॉक्टर रोगी को देगा। यह प्रिंट आउट ऑल टाइम मेडिसिन (एटीएम) मशीन के स्केनर के सामने स्केन करने पर पलभर में आपके हाथ में दवाई होगी। इसके जरिए १६ नहीं और अधिक दवाई और सिरप भी दी जा सकती है।
दवाई वितरण में कारगर साबित हो सकती है मशीन
यह मशीन विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सरकारी अस्पतालों में दवाई वितरण में कारगर साबित हो सकती है, जहां दवाईयों का वितरण करने के लिए कर्मचारियों की कमी होती है। चिकित्सकों को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। शहरों के भीड़-भाड़ वाले इलाके के अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका बेहतर पहलू यह है कि इसमें गलत दवाई मिलने की संभावना नहींवत है, जो कभी कभार भीड़ होने पर केमिस्ट के यहां हो सकती है।
– प्रोफेसर केतन पटेल।
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