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‘अंतरिक्ष पर्यटन क्षेत्र में तकनीक आगे, कानून पीछेÓ

locationअहमदाबादPublished: Oct 24, 2021 05:48:26 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

space tourism, legal, GNLU, seminar, technical, sciences: जीएनएलयू में ‘स्पेस टूरिज्मÓ पर हुआ सेमिनार

'अंतरिक्ष पर्यटन क्षेत्र में तकनीक आगे, कानून पीछेÓ

‘अंतरिक्ष पर्यटन क्षेत्र में तकनीक आगे, कानून पीछेÓ

गांधीनगर. जो अक्सर होता रहता है, तकनीक विकसित होती है, लेकिन सुरक्षा के उपाय या कानून में हमेशा देर होती है। ऐसा ही अंतरिक्ष यात्रा (स्पेस टूरिज्म) को लेकर, जिसमें तकनीक तो आगे निकल गई है, लेकिन कानून या सुरक्षा अब भी पीछे है। तेजी से विकसित होती अंतरिक्ष यात्रा की तकनीक ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिसके जवाब अब तक कानून के पास नहीं है। पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्युरिडिकल साइंसेज के प्रोफेसर संदीप भांटे ने गांधीनगर स्थित गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से एयर एंड स्पेस लॉ एकेडमी में ‘स्पेस टूरिज्मÓ पर आयोजित सेमिनार में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि स्पेस टूरिज्म अब सिर्फ कल्पना नहीं रही बल्कि यह एक वास्तविकता बन चुकी है। स्पेसेक्स के इन्सिपरेशन मिशन ने हाल ही में विश्व का पहला ऐसा अंतरिक्ष यान भेजा है, जिसमें प्रशिक्षित एस्ट्रोनेट नहीं बल्कि चार आमजन सफर पर गए थे। अंतरिक्ष में उन्होंने चार दिन गुजारे और सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर लौट आए। स्पेसेक्स वर्जिन गेलेकटीक एवं ब्लू ओरिजिन जैसी निजी कम्पनियां ओरबिटल एवं सब ओरबिटल स्पेस टूरिज्स के लिए तकनीक विकसित करने में खासा निवेश कर रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आगामी समय में आमजनों के अंतरिक्ष यात्रा करने के किस्से बढ़ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि स्पेस टूरिज्म में हाइब्रीड एरोस्पेस व्हीकल का उपयोग किया जाता है, जो एयर क्राफ्ट और स्पेस क्राफ्ट दोनों ही तरीके से काम करता है, लेकिन एयर ट्रैवल एवं स्पेस ट्रैवल के लिए अलग-अलग कानून है। ऐसे में हाईब्रिड एयरो स्पेस ह्वीक के लिए कौन-सा कानून लागू होगा यह स्पष्ट नहीं है। हवाई सीमा कहां पूरी होती है और अंतरिक्ष कहां से प्रारंभ होता है। इसके लिए फिलहाल कोई अंतरराष्ट्रीय सहमति नहीं है।
स्पेस टूरिज्म की सुरक्षा का जिम्मा किसके पास?

उन्होंने कहा कि स्पेस टूरिज्म में सबसे बड़ा मुद्दा यात्रियों की सुरक्षा का है। मौजूदा समय में तो फेडरल एविशन एडमिनिस्ट्रेशन ध्यान रखते हैं। कमर्शियल स्पेस कंपनियों की गतिविधियों से जमीन या हवाई में आमजन को कोई जोखिम नहीं है, लेकिन स्पेस क्राफ्ट में अंतरिक्षयात्रा जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन का कोई देखरेख नहीं है।

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