सुबह 12 बजे रखी गई सभा में मोदी करीब दोपहर 2 बजे सभा स्थल पहुंचे थे। जैसे ही हैलीकॉप्टर की गूंज सुनाई दी पूरा सभा स्थल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। भाषण में मोदी बार-बार अपना गुजरात कनेक्शन जताते नजर आए। भाषण की शुरुआत में ही उन्होंने सवाल किया कि- राम मंदिर मुद्दे पर एक बड़ी पार्टी से संबंध नेता मंदिर मुद्दे पर वकालत कर रहे हैं। वे क्यों नहीं बताते कि आखिर वे किसका पक्ष रख रहे हैं। राम मंदिर का या बाबरी मस्जिद का।
और यदि उन्हें नहीं पता तो वे कांग्रेस पार्टी के नए नेता (राहुल गांधी) से क्यों नहीं पूछते। देश जानना चाहता है कि आखिर आप किसके पक्ष में खड़े हैं। इस मुद्दे को छूते हुए उन्होंने गुजरात में हिंदुत्व के मुद्दे को फिर हवा दी। मोदी की इस बात पर सभा में जय-जय श्रीराम के नारे लगते रहे। मोदी ने आगे कहा कि- कलोल, गांधीनगर जिले ही नहीं पूरे उत्तर गुजरात में आज पानी की समस्या नहीं है। किसके कारण। जवाब जनता ने दिया -मोदी के कारण। तब मोदी ने स्पष्ट किया। मोदी नहीं हमारी सरकार की सुजलाम सुफलाम योजना के कारण। नर्मदा तो कांग्रेस के शासन काल में भी बह रही थी लेकिन उसका फायदा जनता तक सिर्फ भाजपा ने पहुंचाया।
मोदी पर गुस्सा क्यों आता है
मोदी ने मणिशंकर अय्यर का नाम लिए बगैर कहा कि- आखिर ये कांग्रेस नेताओं को मोदी पर इतना गुस्सा क्यों आता है। फिर आगे बोले- इसलिए क्योंकि गुजरात का एक चाय बेचने वाला दिल्ली की कुर्सी पर कैसे बैठ गया। क्योंकि ये कुर्सी तो एक कुटुम्ब के लिए ही आरक्षित मान रहे थे वो। मोदी आगे बोले- मेरे लिए कुर्सी जरूरी नहीं है, देश पहले है। इस पर सभा स्थल तालियों सेे गूंज उठा।
जब बोले- मोदी को हराओ तो सन्नाटा खिंच गया
मोदी ने अंत में कहा कि- आज मैं इस मंच से कहता हूं कि मोदी को हराओ। आप हराओ मोदी को। इस बात पर मंच और सभा स्थल पर सन्नाटा खिंच गया। मोदी ने आगे कहा कि- जब मेरी सरकार थी तो 127 सीटें थीं आप इस बार 150 सीटें जितवाकर मोदी को हराओ।