पाटीदार आंदोलन के बाद से राज्य सरकार के रवैए से पाटीदारों में भारी नाराजगी देखने को मिली है। ऐसे में विधानसभा से पहले पाटीदारों को अपने पक्ष में करने के लिए 26 सितम्बर को पाटीदार आंदोलन का उचित निराकरण लाने के उद्देश्य से बैठक बुलाई गई है।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के अनुसार पाटीदार समाज के नेताओं ने पाटीदार आंदोलन को लेकर उचित निराकरण लाने के लिए राज्य सरकार से गुहार लगाई थी। इसे देखते हुए मंगलवार को गांधीनगर में पाटीदार समाज के नेताओं व पाटीदार आंदोलन के संयोजकों सहित कुल 100 नेताओं के सार्थ विचार-विमर्श किया जाएगा।
बैठक में पाटीदार समाज की छह संस्थाएं-उमिया माता ट्रस्ट-ऊंझा, खोडलधाम ट्रस्ट-कागवड, राजकोट उमिया माता मंदिर-सिदसर, समस्त पाटीदार समाज-सूरत, श्री सरदार धाम-अहमदाबाद, विश्व उमिया फाउंडेशन-अहमदाबाद व आंदोलन संस्था के पदाधिकारियों को निमंत्रण दिया जाएगा।
इसमें पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) व सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के नेता भी भाग लेंगे। इसमें समाज की ओर से पेश किए जा चुके मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें पाटीदारों को आरक्षण, पाटीदारों पर हुए अत्याचार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई, पाटीदार आंदोलन में मारे गए युवकों के परिजनों को मदद व सरकारी नौकरी के साथ-साथ पाटीदार आयोग के गठन के मुद्दे शामिल हैं।
इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री पटेल व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी के उपस्थित रहने की संभावना है।
उचित हल निकालने की कोशिश
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पाटीदार आंदोलन के संयोजकों की ओर से समाज की विभिन्न संस्थाओं के नेताओं के साथ मिलकर आंदोलन का उचित हल निकालने के लिए कुछ मांग रखी गई थी, इस उद्देश्य से मान्य संस्थाओं व समाज के नेताओं की ओर से राज्य सरकार के गुहार लगाने पर एक बैठक आयोजित करने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस कवायद पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि उन्हें अभी तक आधिकारिक रूप से कोई निमंत्रण नहीं मिला है।