बारिश के पानी से भरा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का ‘दिलÓ, 3000 करोड़ से बनी है दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा तीसरी मंजिल में एक आर्ट गैलरी होगी, जो स्थानीय और जनजातीय कला एवं हस्तशिल्पों को बढ़ावा देगी। यह स्टेशन ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला यह देश का पहला स्टेशन भी है । इस स्टेशन के भवन की डिजाइन में श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी, आवरण के प्रति सजगता और सौंदर्यपरक तत्वों का अद्भुत मिश्रण शामिल होगा। इस भवन को इतनी सजगता से डिजाइन किया गया है कि इस स्थान की मौजूदी पारिस्थितिकी को कम से कम नुकसान होगा। इस भवन से कार्बन निकासी को कम करने के लिए रिसाइकल्ड सामग्री जैसे फ्लाई ऐश ब्रिक्स, एयर कंडीशन रूम के लिए इंसुलेटेड ग्लास और लोकल सामग्रियों का उपयोग किया जाएगा। इस स्टेशन की छत पर 200 किलो वॉट की विद्युत उत्पादन क्षमता वाले सोलर पैनल (Solar panel) लगाए जाएंगे। इस स्टेशन पर मल्टीपल वाटर मैनेजमेंट सुविधाएं होंगी, जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटरलेस (waterless) यूरिनल ट्रीटेड वॉटर के प्रयोग से ड्रिप इरिगेशन टेक्नोलॉजी शामिल है।
प्रस्तावित केवडिया रेलवे स्टेशन की डिजाइन प्रस्तावित केवडिय़ा रेलवे स्टेशन स्टेचू ऑफ यूनिटी से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर है। इससे इस स्मारक पर आनेवाले सैलानियों को आसानी होगी। केवडिय़ा स्टेशन की इमारत का कार्य डभोई-चांदोद, जो 18 किलोमीटर है। इसके आमान परिवर्तन सहित केवडिय़ा तक 32 किलोमीटर की नई लाइन कार्य चल रहा है।
20 करोड़ में बनेगा स्टेशन भवन यह स्टेशन भवन 20 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर (Wheel chair) एक्सेस, लिफ्ट एवं एस्केलेटर, रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ दिव्यांग मित्रवत शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे। वरिष्ठ अधिकारियों एवं नेताओं की मेजबानी के लिए सामान्य प्रतीक्षालय, प्रतीक्षालय वीआईपी एग्जीक्यूटिव लाउंज होंगे। स्टेशन भवन एक त्रि-स्तरीय संरचना है, जिसमें पहले एवं दूसरे तल पर सभी स्टेशन संबंधी सुविधाएं जैसे स्टेशन मास्टर का कमरा, सामान्य प्रतीक्षालय, वीआईपी रूम कथा वीवीआईपी एवं विदेशी पर्यटकों के लिए लाउंज होंगे।