उन्होंने कहा कि नई ई-पास सिस्टम के लागू होने से विद्यार्थी और दैनिक सफर करने वाले यात्रियों का समय बचेगा। डिजिटल पास से भुगतान भी कर सकेंगे, जिससे डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने से डिजिटल क्रांति को गति मिलेगी। वहीं नजदीकी किसी भी बस अड्डे से पास की प्रिन्ट ले सकेंगे और लाइन में भी खड़े रहने से निजात मिलेगी। शिक्षा विभाग का डाटा जोड़कर विद्यार्थियों के लिए और सुविधाजनक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ई-पास सिस्टम लागू किया गया है। मौजूदा समय में पहली से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। आगामी समय में राज्य की आईटीआई और कॉलेजों को शामिल किया जा सकेगा।
राज्य में मौजूदा समय में 125 बस अड्डे, 105 कंट्रोल प्वाइन्ट और 33,915 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाओं के जरिए हर वर्ष 5.17 लाख से ज्यादा छात्राओं और 4.93 लाख से ज्यादा छात्रों समेत 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को राहत दर के पास दिए जाते हैं। परिवहन विभाग के प्रबंध निदेशक एम.ए. गांधी ने भी जानकारी दी। इस मौके पर बंदरगाह एवं परिवहन विभाग के सचिव एम.के. दास व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।