खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए योग करने की शुरूआत की थी। फायदे देख योग टीचर ट्रेनिंग कोर्स (अल्पकालिक) किया। उसके बाद एमए किया और एमए के दौरान किए प्रोजेक्ट ने उन्हें योग से नेत्र रोग का उपचार संभव है, इसके क्या क्या फायदे हैं इसे प्रस्थापित करने के लिए इसमें शोध करने को प्रेरित किया। जिसके चलते लकुलिश योग यूनिवर्सिटी से योग में पीएचडी (शोध) में प्रवेश लिया है।
-शगुन टुटेजा, छात्रा, पीएचडी, लकुलिश योग यूनिवर्सिटी
योग को लेकर बीते कुछ सालों में कई भ्रांतियां फैली हैं। ज्यादातर योग शारीरिक, जिम्नास्टिक के दृष्टिकोण को देखते हुए ही प्रचारित किया जा रहा है। जिससे योग सीखने के प्रति गंभीर लोग भारत के प्राकृतिक योग को जानने के लिए उत्सुक हो उठे हैं। शारीरिक स्वस्थ्यता योग का एक अंग भर है। योग से शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वस्थ्यता और लचीलापन भी आता है। यही वजह है कि योग में एमफिल, पीएचडी सरीखे शोध कोर्स को चुनने के लिए विद्यार्थी आगे आ रहे हैं।
-डॉ.ब्रजेश सिंह, पीएचडी गाइड, योग, लकुलिश योग विवि
योग में एमफिल से ज्यादा पीएचडी कोर्स की मांग देखी जा रही है। इस साल ही योग में पीएचडी शुरू की है। पीएचडी में प्रवेश के लिए पहले ही साल में ३७ विद्यार्थियों ने आवेदन किए। १२ को प्रवेश दिया गया है। एमफिल में 2018 में 16 को प्रवेश दिया था। इस साल 2019 में 17 के करीब आवेदन आए हैं।
-विवेक महेश्वरी, समन्वयक, एमफिल, पीएचडी, लकुलिश योग विवि
योग यूं तो खुद की प्रेक्टिस है, लेकिन इससे नाडी शुद्धि होती है। शरीर में ७२ हजार नाडिय़ां हैं। जिससे शारीरिक शुद्धता आती है और शारीरिक शुद्धता के बाद बौद्धिक, चित्त में बेहतरी होती है। लोग अब इससे क्या क्या फायदे हैं इसे जानने के लिए आगे आ रहे हैं। यही वजह है कि योग में शोध करने के लिए भी विद्यार्थी आगे आ रहे हैं। यह अच्छा संकेत है।
-ओहमप्रकाश दवे, रजिस्ट्रार, लकुलिश योग विवि