उन्होंने कहा कि गुजरात में जिला अस्पतालों की स्थिति को बेहतर बनाकर मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने बजट का प्रावधान किया है। इस प्रावधान के तहत मिली मंजूरी से गोधरा और पोरबंदर में शैक्षणिक वर्ष 2022-203 से मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन में आवेदन किया गया था। इसके मद्देनजर ही नेशनल मेडिकल कमिशन ने इन दोनों ही कॉलेजों का वच्र्युअल निरीक्षण किया। बाद में गोधरा और पोरबंदर में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए लेटर ऑफ इन्टेन्ट दिए गए हैं। अब लेटर ऑफ परमिशन दिए जाएंगे अर्थात् वर्ष 2022-23 में इन दोनों ही कॉलेजों में 100-100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा सकेगा।
वाघाणी ने कहा कि राज्य में मौजूदा समय में सरकारी, अनुदानित और निजी समेत 31 मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें 5700 सीटें हैं। गोधरा और पोरबंदर में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होने से 33 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगी, जिससे सीटों की संख्या 5900 हो जाएगी। दोनों ही मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल काउंसिल से मंजूरी मिली है। ये कॉलेज 660 करोड़ रुपए की लागत से प्रारंभ होंगी। इस राशि में केन्द्र सरकार का 60 फीसदी और राज्य सरकार का 40 फीसदी हिस्सा होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजपीपला, मोरबी और नवसारी समेत तीन नए मेडिकल कॉलेजों के लिए भी प्रस्ताव भेजा है, जिन्हें आगामी समय में नेशनल मेडिकल काउंसिल से मंजूरी मिलने की संभावना है। नए मेडिकल कॉलेजों में लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, हॉस्टल, ट्यूटर और पैरा मेडिकल स्टाफ की सुविधा मिलेगी। आगामी दिनों में पांच नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होने से गुजरात के विद्यार्थियों को चिकित्सा पढ़ाई के लिए महंगी फीस भरकर राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। राज्य में घर के निकट ही चिकित्सा शिक्षा सुविधा उपलब्ध होगी।