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मुंह में पनपे फुटबॉल आकार के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन

locationअहमदाबादPublished: Nov 15, 2020 07:30:26 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

-देश में संभत: अपनी तरह का पहला ऑपरेशन साढ़े दस घंटे चली सर्जरी

मुंह में पनपे फुटबॉल आकार के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन

मुंह में पनपे फुटबॉल आकार के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन

अहमदाबाद. मुंह में पनपे फुटबॉल आकार के सार्कोमा कैंसर के ट्यूमर को लेकर पिछले पांच माह से उपचार के लिए घूम रहे राजस्थान के एक युवक की आखिर सफल सर्जरी कर दी गई। मुंह में नीचे के मसूढ़े के नीचे की हड्डी से पनपा यह ट्यूमर बड़ा होकर मुंह से बाहर निकलता गया, जिससे मुंह पर ऐसा लगता था मानो फुटबाल रखी हो। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल कैंपस स्थित गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टूट्यूट (जीसीआरआई) अर्थात कैंसर अस्पताल के चिकित्सकों ने करीब साढ़े दस घंटे की सर्जरी कर बड़े ट्यूमर से मुक्ति दिलाई। दावा है कि देश में संभवत: यह अपनी तरह का पहला ऑपेरशन है।
झालावाड़ में रहने वाले 38 वर्षीय एक युवक को गत लॉकडाउन के दौरान मुंह में मसूढ़े की हड्डी में ट्यूमर हुआ था। कुछ ही दिनों में यह ट्यूमर तेजी से बढ़ गया और एक फुटबॉल के आकार का हो गया। मुंह से बाहर निकलकर यह गांठ इसकदर फैली की पूरे मुंह को ढंक लिया था। गांठ के कारण खाना खाने में असमर्थ यह युवक लिक्विड पर ही जीने लगा था। इस बीच उसे राजस्थान के बड़े शहरों के कॉर्पोरेट और कुछ सरकारी अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। सर्जरी का खर्च कई जगहों लाखों रुपए बताया। पिछले दिनों उसे अहमदाबाद लाया गया। यहां भी उसने कुछ कॉर्पोरेट अस्पतालों की मुलाकात ली। वह आर्थिक रूप से भी असमर्थ था जिससे लाखों रुपए खर्च करना उसके बूते के बाहर की बात थी। अन्त में किसी के कहने पर यह युवक सिविल अस्पताल कैंपस स्थित जीसीआरआई में पहुंचा। जहां ट्यूमर को देखकर चिकित्सक भी दंग रह गए थे।
प्लेट लगाकर की गई थी प्लास्टिक सर्जरी

अस्पताल के हैड एंड नेक आंकोसर्जन डॉ. प्रियांक वी राठौड़ ने बताया कि इस तरह का गांठ बड़ी होने के कारण मुंह का काफी हिस्सा भी निकालना पड़ा था। जिससे मसूढ़ो के नीचे की हड्डी की जगह धातु की प्लेट लगाई गई और उसके ऊपर सीने से मांस लेकर प्लास्टिक सर्जरी से मुंह का आकार ठीक किया गया। युवक का नीचे के होठ को कृत्रिम रूप दिया गया। फिलहाल मरीज बोलने लगा है वहीं खाना खाने भी लगा है। साढ़े दस घंटे तक चला ऑपरेशन डॉ. प्रियांक वी राठौड़ के अलावा डॉ. सुप्रीत भट्ट, डॉ. दीपिन, डॉ. विश्वन्त तथा प्लास्टिक सर्जन डॉ. नीरव महाराजा ने किया।

कभी नहीं देखा था इस आकार का ट्यूमर

मरीज को जिस तरह का ट्यूमर था वैसा पहले कभी नहीं देखा था। जांच में इस ट्यूमर की पहचान सार्कोमा कैंसर के रूप में हुई जो काफी दुर्लभ होता है। जटिल सर्जरी होने के कारण अस्पताल के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या से विशेष मंजूरी ली गई। उस दौरान की गई सर्जरी में साढ़े दस घंटे का समय लगा। हालांकि सर्जरी सफल रही। लाखों रुपए में होने वाली यह सर्जरी निशुल्क की गई। मरीज पिछड़ी जाति से संबंध रखने के कारण उसे यह लाभ मिला था। गांठ को पूरी तरह से निकाल दिया गया। इस तरह का ट्यूमर तम्बाकू से नहीं जेनेटिक कारणों से हुआ था। यह युवक तम्बाकू का किसी भी रूप से सेवन नहीं कर रहा था।
डॉ. प्रियांक राठौड़, मुख्य चिकित्सक जीसीआरआई

गांठ को पूरी तरह से निकाला गया
राजस्थान निवासी यह युवक काफी परेशान था। ट्यूमर के कारण वह खाना नहीं खा पा रहा था जिससे उसका रक्त दिन प्रतिदिन कम हो रहा था। कम होते हिमोग्लोबिन के कारण वह काफी दुर्बल हो गया था। अस्पताल में ऑपरेशन से पहले उसे लगभग सात यूनिट रक्त की जरूरत हुई। जीसीआरआई की कुशल चिकित्सकीय टीम ने यह जटिल ऑपरेशन किया था। फिलहाल युवक पीड़ा मुक्त है।
डॉ. शशांक पंड्या, निदेशक जीसीआरआई

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