प्लेट लगाकर की गई थी प्लास्टिक सर्जरी अस्पताल के हैड एंड नेक आंकोसर्जन डॉ. प्रियांक वी राठौड़ ने बताया कि इस तरह का गांठ बड़ी होने के कारण मुंह का काफी हिस्सा भी निकालना पड़ा था। जिससे मसूढ़ो के नीचे की हड्डी की जगह धातु की प्लेट लगाई गई और उसके ऊपर सीने से मांस लेकर प्लास्टिक सर्जरी से मुंह का आकार ठीक किया गया। युवक का नीचे के होठ को कृत्रिम रूप दिया गया। फिलहाल मरीज बोलने लगा है वहीं खाना खाने भी लगा है। साढ़े दस घंटे तक चला ऑपरेशन डॉ. प्रियांक वी राठौड़ के अलावा डॉ. सुप्रीत भट्ट, डॉ. दीपिन, डॉ. विश्वन्त तथा प्लास्टिक सर्जन डॉ. नीरव महाराजा ने किया।
कभी नहीं देखा था इस आकार का ट्यूमर मरीज को जिस तरह का ट्यूमर था वैसा पहले कभी नहीं देखा था। जांच में इस ट्यूमर की पहचान सार्कोमा कैंसर के रूप में हुई जो काफी दुर्लभ होता है। जटिल सर्जरी होने के कारण अस्पताल के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या से विशेष मंजूरी ली गई। उस दौरान की गई सर्जरी में साढ़े दस घंटे का समय लगा। हालांकि सर्जरी सफल रही। लाखों रुपए में होने वाली यह सर्जरी निशुल्क की गई। मरीज पिछड़ी जाति से संबंध रखने के कारण उसे यह लाभ मिला था। गांठ को पूरी तरह से निकाल दिया गया। इस तरह का ट्यूमर तम्बाकू से नहीं जेनेटिक कारणों से हुआ था। यह युवक तम्बाकू का किसी भी रूप से सेवन नहीं कर रहा था।
डॉ. प्रियांक राठौड़, मुख्य चिकित्सक जीसीआरआई
गांठ को पूरी तरह से निकाला गया
राजस्थान निवासी यह युवक काफी परेशान था। ट्यूमर के कारण वह खाना नहीं खा पा रहा था जिससे उसका रक्त दिन प्रतिदिन कम हो रहा था। कम होते हिमोग्लोबिन के कारण वह काफी दुर्बल हो गया था। अस्पताल में ऑपरेशन से पहले उसे लगभग सात यूनिट रक्त की जरूरत हुई। जीसीआरआई की कुशल चिकित्सकीय टीम ने यह जटिल ऑपरेशन किया था। फिलहाल युवक पीड़ा मुक्त है।
डॉ. शशांक पंड्या, निदेशक जीसीआरआई