बिहार के पंजरवा में 18 अप्रेल 1921 को जन्मे हरिशचंद्र मिसराज मूल नाम के स्वामी हरिचरणदास ने 34 वर्ष की आयु में गुरु रणछोड़दास की आज्ञा से गोंडल में राम आश्रम की शुरुआत की। वे 70 वर्ष से वे आश्रम का संचालन कर रहे थे। इससे पहले, वे गुरु रणछोड़दास के साथ सरयू नदी के किनारे भजन करते थे। 18 अप्रेल 2021 से उनका जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा था।
अनेक सेवा कार्य किए आरंभ गोंडल में रहकर स्वामी हरिचरणदास ने गोंडल में राम मंदिर का निर्माण करवाने के अलावा राम सार्वजनिक अस्पताल की भी स्थापना की थी। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया। गोंडल में उन्होंने अनेक सेवा कार्य आरंभ किए। इसके अलावा पांडुकेश्वर, ऋषिकेश, इंदौर, कर्ण प्रयाग, बनारस, नर्मदा जिले में गोरा में साधन-भजन व मानव सेवा की शुरुआत की।
2020 से थे बीमार स्वामी हरिचरणदास 2 फवरी 2020 को अयोध्या में बाथरूम में गिर गए। कूल्हे की हड्डी टूटने पर चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी। उन्हें अयोध्या से चार्टर्ड विमान से राजकोट लाया गया था। बाद में राजकोट में उपचार किया गया। अप्रेल 2020 में बीमार हुए थे। हिमोग्लोबिन स्तर कम होने उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया, राम अस्पताल के चिकित्सकों ने उनका उपचार किया और वे स्वस्थ हुए। पिछले कई दिनों से तबीयत खराब होने के कारण चिकित्सक उपचार में जुटे थे, लेकिन सोमवार सुबह स्वामी हरिचरणदास का निधन हो गया।
क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा भी हैं भक्त क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा भी स्वामी हरिचरणदास के भक्त हैं। वे अपनी पत्नी पूजा, पिता अरङ्क्षवद व पुत्री के साथ गोंडल के राम आश्रम में अंतिम दर्शन करने पहुंचे। शिष्य नितिन रायचुरा के अनुसार पुजारा के अलावा स्वामीरायण संप्रदाय के अनेक संत भी अंतिम दर्शन करने पहुंचे।
शिष्य पूरा करेेंगे राम यज्ञ महोत्सव का संकल्प स्वामी हरिचरणदास ने गोंडल में राम यज्ञ महोत्सव का संकल्प किया था। उनकी प्रेरणा से 7 से 17 अप्रेल तक 10 दिवसीय राम यज्ञ महोत्सव प्रस्तावित था। भक्त नितिन रायचुरा, किशोर अनडकट, हसमुख भगदेव, बिपिन भट्ट, चेतन चग, विजय चग, राजूभाई आदि शिष्यों ने स्वामी हरिचरणदास के निधन के बाद उनकी इच्छा के अनुरूप राम यज्ञ महोत्सव आयोजित करने का संकल्प किया है।