आरटीओ सर्वर से छेड़छाड़ कर बनाए 120 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस
अहमदाबाद. शहर के पूर्वी इलाके में वस्त्राल स्थित रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) के सारथी-4 सर्वर से छेड़छाड़ कर 120 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में साइबर क्राइम ब्रांच में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इससे पहले सुभाषब्रिज स्थित आरटीओ कार्यालय के सर्वर से भी छेड़छाड़ कर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की घटना सामने आ चुकी है। इसमें भुज और अहमदाबाद के आरटीओ एजेंटों की गिरफ्तारी भी क्राइम ब्रांच ने की थी। साइबर क्राइम में सहायक आरटीओ इंस्पेक्टर प्रीतेश सोलंकी (३०) की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि गत वर्ष २४ दिसंबर को उनकी जानकारी बिना किसी ने उनके लॉग इन आईडी के जरिए 110 ड्राइविंग लाइसेंस मंजूर कर दिए। इसके अगले दिन क्रिसमस की छुट्टी थी। इसके बावजूद 10 अन्य ड्राइविंग लाइसेंस मंजूर किए गए। इस तरह दो दिनों में 120 ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी तरीके से मंजूर होने की जानकारी मिली। ये सभी ड्राइविंग वर्ष २०१० से पहले के हैं। इनके रिकॉर्ड को डिजिटलीकृत करने का कामकाज जारी है। इसके लिए सारथी-4 नाम का विशेष सॉफ्टवेयर बनाया गया है। इसमें कामकाज करने के लिए दो प्रकार के पासवर्ड देने पर ही यह काम करता है। एक कंप्यूटर ऑपरेटर का पासवर्ड और दूसरा आरटीओ इंस्पेक्टर या सहायक इंस्पेक्टर के मोबाइल पर आने वाला ओटीपी व पासवर्ड शामिल है। दोहरी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद ऐसा होने के चलते किसी अंदरूनी कर्मचारी या एजेंट के ही इस मामले में भी लिप्त होने की आशंका जताई जा रही है।