दशहरे पर मंगलवार को घर-घर में फाफड़ा-जलेबी का लुत्फ उठाया गया। लोगों की खातिरदारी के लिए शहर में स्थायी दुकानों के अलावा जगह-जगह फाफड़ा-जलेबी के अस्थायी स्टॉल लगाए गए। वर्ष भर अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री करने वाले कई लोगों ने भी फाफड़ा-जलेबी के अस्थायी स्टॉल लगाए।
गुजरात में पिछले कई वर्षों से उत्तरायण पर ऊंधियु-जलेबी की तरह दशहरा पर फाफड़ा-जलेबी खाने की परम्परा है। ऐसे में नवरात्र के अंतिम दिन सोमवार रात से ही लोगों ने फाफड़ा-जलेबी का लुत्फ उठाना शुरू कर दिया, तो मंगलवार सुबह से ही स्टॉलों पर खरीदारों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। पिछले साल के मुकाबले इस बार भाव में भले ही कुछ फर्क हो, लेकिन लोगों ने परम्परा को बनाए रखने के लिए फाफड़ा-जलेबी का लुत्फ उठाया।
ग्राहकी के मुताबिक शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में भावों में फर्क दिखाई दिया। कहीं जलेबी १६० रुपए किलो बिकी तो कहीं २०० रुपए किलो तक बिकी।
उधर, वडोदरा, हालोल, जामनगर, राजकोट सहित गुजरात भर में मंगलवार को ज्यादातर घरों में मुख्य व्यंजन फाफड़ा-जलेबी ही रहा। विजयादशमी को फाफड़ा-जलेबी खाना एक ट्रेड हो गया है। यहीं कारण है कि वडोदरा में मंगलवार को सुबह से ही फाफड़ा-जलेबी के स्टॉल एवं दुकानों में खरीदारों की भीड़ देखने को मिली।