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शिक्षकों की कमी से आदिवासी बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित

locationअहमदाबादPublished: Nov 24, 2020 07:25:55 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

शिक्षण संघ की बैठक में जताई नाराजगी

शिक्षकों की कमी से आदिवासी बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित

शिक्षकों की कमी से आदिवासी बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित

वांसदा. आश्रमशाला और छात्रालयों का संचालन करने वाली संस्था समाज कल्याण शिक्षण संस्था संचालक संघ की बैठक रविवार को वांसदा में हुई थी। संघ प्रमुख कल्याण बी पटेल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें कहा गया कि गत 12 साल से आश्रमशाला व छात्रालयों में शिक्षक समेत अन्य कर्मचारियों की भर्ती बंद है। इस वजह से नवसारी, वलसाड व डांग जिले की 94 आश्रमशालाों में 244 शिक्षक, 75 रसोइया, 32 सहायक रसोइया, 40 कारकून और फील्ड असिस्टेंट समेत कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। इस वजह से पढ़ाई करने वाले आदिवासी बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

कई सदस्यों ने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद से आश्रमशाला व छात्रालयों के बच्चे घर पर हैं। कोरोना के कारण किसी प्रकार का ग्रांट जारी न करने समझ में आता है लेकिन बिजली बिल, सफाई समेत अन्य जरूरी खर्च भी नहीं दिया जा रहा है। नवसारी वलसाड और डांग जिले में 172 छात्रालय हैं। गृहपति, गृहमाता तथा अन्य कर्मचारी 24 घंटे की जिम्मेदारी पर नौकरी करते हैं, लेकिन सरकार की ओर से न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है। इसे सुधारा जाना चाहिए।

आश्रमशाला व जर्जर छात्रालयों के मरम्मत समेत कई अन्य मांग सरकार से करने पर सहमति बनी। बारडोली, स्वराज आश्रम वेडछी, आदिवासी मंडल अजराई, ग्राम सेवा मंडल वांसदा, धरमपुर, नवसारी, डांग, व्यारा, तापी समेत अन्य जगहों के छात्रालय व आश्रमशाला संचालक मौजूद थे।
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