अहमदाबाद

बिटकॉइन मामले में शिकायतकर्ता ही मुख्य आरोपी!

गुजरात के चर्चित बिटकॉइन के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया। सीआईडी क्राइम ने एक और मामला दर्ज करते हुए शिकायतकर्ता…

अहमदाबादMay 22, 2018 / 04:33 am

मुकेश शर्मा

Bitcoin case

अहमदाबाद।गुजरात के चर्चित बिटकॉइन के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया। सीआईडी क्राइम ने एक और मामला दर्ज करते हुए शिकायतकर्ता सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट को ही मुख्य आरोपी बताया है। उसके भांजे निकुंज भट्ट व एक अन्य दिलीप कानाणी को भी गिरफ्तार किया है। बिल्डर शैलेष पर आयकर और क्राइम ब्रांच कर्मचारी बनकर पीयुष सावलिया व धवल मावाणी नाम के युवकों का अपहरण कर धवल के पास से १३१ करोड़ के २,२५६ बिटकॉइन जबरन ट्रांसफर कराने का आरोप लगा है। साथ ही अपहरण से मुक्त करने के लिए ११ हजार लाइटकॉइन ट्रांसफर कराने और १४.५० करोड़ रुपए आंगडिया के जरिए लेने का भी आरोप है। दिलीप कानाणी के ब्लॉक चेन वॉलेट से १५२ बिटकॉइन भी जब्त किए हैं।


भट्ट ही दूसरे मामले में मुख्य आरोपी

मावाणी का अपहरण कर १३१ करोड़ के २,२५६ बिटकॉइन ऐंठे

सीआईडी क्राइम ने भट्ट के भांजे सहित दो को पकड़ा, दो दिन का रिमांड मंजूर

गुजरात के चर्चित बिटकॉइन मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया। सीआईडी क्राइम ने रविवार को एक और मामला दर्ज किया है। उसमें पहले मामले के शिकायतकर्ता सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट को मुख्य आरोपी दर्शाया गया है। आठ अन्य आरोपी भी हैं। शैलेष भट्ट पर अन्य लोगों के साथ मिलकर आयकर कर्मचारी और सूरत क्राइम ब्रांच कर्मचारी बनकर पीयुष सावलिया और धवल मावाणी नाम के दो युवकों का अपहरण कर धवल से १३१ करोड़ रुपए के २,२५६ बिटकॉइन जबरन ट्रांसफर कराने का आरोप है।


साथ ही अपहरण से मुक्त करने के लिए ११ हजार लाइट कॉइन ट्रांसफर कराने और १४.५० करोड़ रुपए आंगडिया के जरिए लेने का भी आरोप लगा है। सीआईडी क्राइम ने भट्ट के भांजे निकुंज भट्ट और एक अन्य दिलीप कानाणी को सोमवार गिरफ्तार किया है। दिलीप कानाणी के ब्लॉक चेन वॉलेट से १५२ बिटकॉइन भी जब्त किए गए हैं। सीआईडी क्राइम सूरत यूनिट के डिटेक्टिव पुलिस निरीक्षक पी.जी.नवराडे ने दोनों को सोमवार को सूरत की चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश कर 14 दिन के रिमांड पर सौंपने की मांग की। कोर्ट ने दोनों का दो दिन का रिमांड मंजूर कर लिया।

पालडिया के वॉलेट में १७६ बिटकॉइन की जांच में खुलासा

मामले में जो नया मोड़ आया, उसका खुलासा आठ अप्रेल को शैलेष भट्ट की ओर से दर्ज कराई प्राथमिकी में अमरेली पुलिस पर लगाए गए अपहरण कर १२ करोड़ के १७६ बिटकॉइन ट्रांसफर करा लेने के आरोपों की जांच में हुआ। सीआईडी क्राइम ने पता किया कि किरीट पालडिया के वॉलेट में १७६ बिटकॉइन कहां से आए। जांच में पता चला कि इसमें से १६६ बिटकॉइन धवल मावाणी के बिटकनेक्ट कंपनी के वॉलेट से ट्रांसफर हुए ११००० लाइट कॉइन को बिटकॉइन में ट्रांसफर करने से आए थे। दस बिटकॉइन शैलेष ने ट्रांसफर किए थे।

नोटबंदी के दौरान बिटकनेक्ट में निवेश


सीआईडी क्राइम के डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया कि शैलेष भट्ट के पास बिटकॉइन कहां से आए, जब इसकी जांच की तो पता चला कि दो साल पहले (नोटबंदी के दौरान) सूरत में सतीश कुंभाणी नाम के युवक ने बिटकनेक्ट नाम से कंपनी शुरू की। इस ऑनलाइन कंपनी में देश, विदेश और सबसे ज्यादा सूरत के लोगों ने करोड़ों का निवेश किया। उसने लुभावनी चार स्कीम लांच की थीं। इसमें शैलेष ने भी बिटकॉइन निवेश किए थे। यह कंपनी जनवरी-२०१८ में बंद हो गई तो शैलेष ने अपने डूबे रुपए पाने के लिए बिटकनेक्ट कंपनी से जुड़े पीयुष सावलिया का अपहरण किया। उसके जरिए पता चला कि बिटकनेक्ट कंपनी की टेक्निकल जानकारी धवल मावाणी के पास है। इस पर फिर मावाणी के अपहरण की साजिश रची गई।

मुझे फंसाने की कोशिश: शैलेष


सीआईडी क्राइम की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शैलेष भट्ट की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया। भट्ट ने मीडिया को फोन पर बताया कि उसे खाकी और खादी की ओर से फंसाने की साचिश की जा रही है। यह कोटडिया और गिरफ्तार किए गए आईपीएस अधिकारी जगदीश पटेल को बचाने की कोशिश के चलते हो रहा है। उन्होंने पुलिस के विरुद्ध शिकायत की, इसलिए फंसाया जा रहा है। मावाणी से उन्होंने २,२५६ बिटकॉइन नहीं लिए, सिर्फ उतने ही लिए, जितने उन्होंने बिटकनेक्ट में निवेश किए थे। अपहरण की बात तोड़-मरोड़ कर पेश की जा रही है।

शैलेष ने षड्यंत्र रच लिया मावाणी का पता

सीआईडी क्राइम के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शैलेष की ओर से लगाए आरोपों की जांच में ही पता चला कि शैलेष भट्ट ने दिलीप कानाणी, जिज्ञेश मोरडिया, किरीट वाळा, भांजे निकुंज सहित नौ लोगों की मदद से षड्यंत्र रचते हुए ३० जनवरी को पीयुष सावलिया का अपहरण किया। सूरत निवासी दिलीप कानाणी ने सावलिया को लैपटॉप ठीक करवाने के बहानेे से बुलाया। फिर आयकर कर्मचारी बनकर उसका अपहरण कर तीन दिन तक कामरेज के पास एक फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा। मारपीट की और बंदूक की नोक पर उससे बिटकनेक्ट नाम की कंपनी के बिटकॉइन की जानकारी मांगी। उसने धवल मावाणी से संपर्क करने को कहा। सावलिया का वीडियो बनाकर उसे छोड़ दिया गया।

इन नौ के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी

सीआईडी क्राइम के पीआई जे.एच.दहिया ने गुजरात सरकार की ओर से शिकायतकर्ता बनते हुए १९ मई को सूरत जोन सीआईडी क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें शैलेष भट्ट के अलावा जिग्नेश मोरडिया, किरीट वाला, निकुंज भट्ट, जिग्नेश खेनी, उमेश उर्फ उमलो, बावाजी, जे.के.राजपूत, दिलीप कानाणी, हितेष जोतासणा व अन्य को आरोपी बनाया गया है। इन पर अपहरण, मारपीट, जबरन बिटकॉइन ट्रांसफर कराने, फिरौती वसूलने का आरोप है। मामले की जांच सीआईडी क्राइम के डीजीपी आशीष भाटिया की देख-रेख में पीआई पी.जी.नरवडे को सौंपी गई है।

इन मुद्दों की जांच करेगी सीआईडी क्राइम

सूरत. बिटकॉइन मामले में सीआईडी क्राइम ने अब तक के शिकायतकर्ता शैलेष भट्ट् को ही अभियुक्त बनाकर उसके खिलाफ सूरत यूनिट में मामला दर्ज कर लिया है और उसके भांजे निकुंज भट्ट समेत दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को सोमवार को चीफ ज्युडिशिल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों का दो दिन का रिमांड मंजूर किया। रिमांड के दौरान पुलिस इन मुद्दों की जांच करेगी-

धवल मावाणी और पीयूष सावलिया के अपहरण का षड्यंत्र कहां रचा गया और अन्य कौन इस षड्यंत्र में शामिल हैं।
धवल और पीयूष के अपहरण के वक्त अभियुक्तों ने अपनी पहचान आयकर अधिकारी और सूरत क्राइम ब्रांच के अधिकारी के तौर पर दी थी। उन्होंने झूठी पहचना क्यों दी?
अभियुक्त शैलेष भट्ट ने किस आईडी से वॉलेट में बिटकॉइन ट्रांसफर किए और कौन से की-वर्ड का उपयोग किया।
अपहरण के बाद धवल को रिवॉल्वर दिखाकर धमकाया गया। रिवॉल्वर अभियुक्तों के पास कहां से आई।
धवल मावाणी के अकाउंट से 131 करोड़ रुपए से अधिक के बिटकॉइन अभियुक्तों ने ट्रांसफर करवा लिए थे। किस-किसके वॉलेट में कितने बिटकॉइन ट्रांसफर किए गए।
बिटकनेक्ट के संचालक सतीश कुंभाणी की खोज में अभियुक्त गोवा गए थेे। वहां वह कहां-कहां रुके, कौन-कौन लोग उनके साथ थे।
पीयूष सावलिया का अपहरण करने के बाद तीन दिन तक उसे कहां-कहां बंदी बनाकर रखा गया।
अभियुक्त शैलेष भट्ट समेत आठ अभियुक्तों की गिरफ्तारी बाकी है। वह कहां छिपे हैं, इसकी खोज की जाएगी।

मावाणी से २२५६ बिटकॉइन, १1 हजार लाइट कॉइन लिए

धवल मावाणी की जानकारी मिलने पर शैलेष ने एक फरवरी को सूरत के पर्वत पाटिया में अनुपम आर्केड स्थित उसके ऑफिस की पार्किंग से खुद को क्राइम ब्रांच कर्मचारी बताते हुए जिग्नेश मोरडिया एवं किरीट वाळा ने मावाणी का अपहरण किया। कार से एक जगह ले जाकर पीयुष सावलिया का बनाया वीडियो बताया और फिर बंदूक की नोक पर मारपीट की। निकुंज भट्ट के जरिए धवल मावाणी के लैपटॉप में से १३१ करोड़ (१,३१,०७,३६, ००० रुपए) के बिटकॉइन शैलेष भट्ट के मोबाइल में बने ब्लॉक चेन वॉलेट में ट्रांफसर करा लिए। उस दिन एक बिटकॉइन की कीमत ५.८१ लाख रुपए थी। इसमें से ५०० बिटकॉइन जिज्ञेश मोरडिया व ३५० बिटकॉइन किरीट वाला को शैलेष भट्ट ने दिए। मावाणी को मुक्त करने के एवज में उससे ११००० लाइटकॉइन किरीट पालडिया के बिनान्स एक्सचेंज वॉलेट में मावाणी से ट्रांसफर करा लिए। इन १1००० लाइटकॉइन को बिटकॉइन में ट्रांसफर करने पर ही पालडिया के वॉलेट में १६६ बिटकॉइन बने। इसकी कीमत नौ करोड़ ६४ लाख (९,६४,४६,००० रुपए) है। अन्य १० बिटकॉइन भट्ट ने अलग से पालडिया के वॉलेट में ट्रांसफर किए थे। इन १७६ बिटकॉइन को भट्ट को न सौंपना पड़े, इसलिए पालडिया ने नलिन कोटडिया और अमरेली पुलिस के साथ मिलकर
षड्यंत्र रचा और भट्ट का अपहरण कराकर यह बिटकॉइन ट्रांसफर हो गए होने का आभास पैदा कर उसे चपत लगाई।

आंगडिया से १४.५० करोड़ लिए

मावाणी को छोडऩे के लिए और भी रुपए मांगे, जिससे धवल मावाणी ने बिटकनेक्ट के कैशियर सुरेश गोरसिया के जरिए १४.५० करोड़ रुपए सूरत में आंगडिया के जरिए भेजे, जिसे शैलेष ने मुंबई में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर पी.डी.जाड़ेजा के नाम से भेजे। इसे बाद में वापस सूरत मंगा लिया। इसमें से दस करोड़ रुपए हितेष जोतासणा के जरिए शैलेष ने खुद ले लिए और चार करोड़ गांधीनगर इन्फोसिटी में मंगवाए।
यहां भी भट्ट ने इन रुपयों को ले लिया। अन्य ६० लाख किरीट पालडिया के जरिए गांधीनगर मंगवाकर लिए।

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