जानकारी के अनुसार आणंद जिले के नापाड वांटा गांव में रहने वाली एक युवती का विवाह विद्यानगर के रहने वाले ध्रुवेश पडियार के साथ गत 12 मई को होना तय हुआ था। पिता के निधन की वजह से शादी की सारी व्यवस्था युवती के भाई को करनी थी। भाई ने इसके लिए यथाशक्ति सारी तैयारियां भी की थी। यहां तक की बहन को पिता के नहीं होने का एहसास महसूस नहीं हो, इसके लिए युवती के भाई ने अपनी जमीन तक गिरवी रख दी थी। तय दिन पर बारात भी युवती के घर आई, और विधि विधान से शादी भी हुई। यह देखकर वधू पक्ष के लोगों में खुशी का माहौल भी था। हंसी खुशी शादी की सभी रस्में भी पूरी हो गई।
यहां पर बदल गया पूरा परिदृश्य
अच्छे वातावरण और हंसी खुशी से शादी संपन्न होने के पश्चात वधू पक्ष के लोग खुशी मना रहे थे। विदाई के समय दूल्हे ने जिद पकड़ ली कि महंगी कार जब तक दुल्हन के घर तक नहीं आ जाती तब तक बारात विदा नहीं होगी। इस पर दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हे को समझाने का प्रयास किया कि उसकी महंगी कार उनके दरवाजे तक नहीं आ सकती, क्योंकि बीच में रास्ता बहुत ही उबड़ खाबड़ था। लेकिन दूल्हा अपनी जिद पर अड़ा रहा। वधू पक्ष के लोगों की ओर से बहुत समझाने के बावजूद दूल्हा अपनी जिद पर अड़ा रहा। दूल्हा किसी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं था। इसी दौरान दूल्हा, दुल्हन को छोड़कर बारात लेकर अकेले वापस चला गया। अचानक हुए इस बात से कन्या पक्ष के घर में खुशी के जगह सन्नाटा फैल गया।