लोगों को मंत्री की ओर से जारी किए गए व्हाट्स एप नंबर पर गड्ढों की जानकारी देनी होगी। आम आदमी व्हाट्स एप के जरिए खस्ताहाल सडक़ों की जानकारी भेज सकता है। इसके लिए लोगों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, सडक़ मरम्मत वाली जगह, गांव, तहसील, जिला, पिनकोड समेत पूरा पता लिखना होगा। इसके जरिए अब राज्य सरकार ने आमजन के नजदीकियां बनाने की बनाने की कवायद शुरू की है। आमजन भी राज्य सरकार के इस कदम को बेहतर बता रहे हैं।
उधर, गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने गुजरात सरकार पर सडक़ों पर गड्ढों को लेकर प्रहार किया। एक वक्त था जब गुजरात की सडक़ें देश में मॉडल के तौर पर जानी जाती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने पिछले 26 वर्षों में ऐसा गुजरात मॉडल तैयार किया है, जिसमें हर वर्ष सडक़ों पर गड्ढों से हादसे होते हैं। केन्द्र के सडक़ एवं परिवहन विभाग ने रिपोर्ट पेश की है, नेशनल हाइवे पर क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुजरात में पिछले तीन वर्षों में 558 हादसे हुए है, जिसमें 234 लोगों की मौत हुई है।
उधर, खस्ताहाल सडक़ों की मरम्मत को लेकर जारी व्हाट्स एप पर पिछले 12 घंटे में ही सात हजार से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी है। अब ये शिकायतें जिम्मेदार अधिकारियों को भेजी जाएंगे। इसके लिए किलोमीटर की हिसाब से उन इलाकों के अधिकारियों को सडक़ों के मरम्मत की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
बारिश के मौसम में राज्य में कई जगहों पर सडक़ें खस्ताहाल हो गई है। कई जगह हालात ये हैं कि वाहन चलाना तक दूभर हो गया है। राज्य सरकार को भी मीडिया के जरिए या फिर आमजन के जरिए खस्ताहाल सडक़ों की जानकारी मिल रही है। ऐसे में राज्य सरकार की किरकिरी हो रही है। अब भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व वाली नई सरकार अपनी छवि सुधारने की कवायद में जुट गई है।