अहमदाबाद

शहर के युवाओं में बढ़ रहा हैं हृदय रोग

शहर के युवाओं में हृदय संबंधित रोगों का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। हाल ही में हार्ट अटेक के १२०० रोगियों पर हुए अध्ययन में २१ मरीज २० से ३० वर्ष की

अहमदाबादAug 20, 2017 / 10:50 pm

मुकेश शर्मा

The youth of the city are growing in heart disease

अहमदाबाद।शहर के युवाओं में हृदय संबंधित रोगों का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। हाल ही में हार्ट अटेक के १२०० रोगियों पर हुए अध्ययन में २१ मरीज २० से ३० वर्ष की आयु के निकले।शहर के सिम्स अस्पताल के कार्डियाक सर्जन डॉ. धवल नायक ने वर्ष २०१६-१७ में हार्ट अटेक संबंधित बारह सौ मरीजों का सर्वेक्षण किया।

जिसमे २० से ३० वर्ष की आयु के २१ मरीज निकले। इसी तरह से ३० से ४० के बीच के चालीस, ४० से ५० वर्ष की आयु के बीच के ११५, ५० से ६० के बीच के ४१३ और ६० से अधिक आयु के ६११ मरीज सामने आए। डॉ. नायक ने बताया कि आज के जमाने में अनियमित खान-पान से यह समस्या बढ़ी है। महिला हो या पुरुष दोनों में ही यह खतरा बढ़ा है।

अधिकांश भारतीयों में जीवनशैली के कारण धमनियों में अवरोध उत्पन्न होने लगा है। दस वर्ष पहले इस तरह के युवा मरीज बहुत कम थे। कुछ पहलुओं पर ध्यान दिया जाए तो इस खतरे को टाला भी जा सकता है। आज के जमाने में लोग स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने में आनाकानी करते हैं। व्यायाम का अभाव तनाव, जंक फूड, मोटापा तथा धूम्रपान भी इस तरह के रोगों का कारक है।

ऐसे ८३ फीसदी तक कम किया जा सकता खतरा :

डॉ. नायक ने सलाह के तौर पर कहा कि प्रतिदिन सात घंटे नींद लेने से हृदय का खतरा कम होता है। कसरत व अन्य इसी तरह की गतिविधियों को करने से हृदय रोग के खतरे को ८३ फीसदी तक कम किया जा सकता है।

ताजा फल, सब्जी, दलहन का भरपूर सेवन किया जाना चाहिए। लोंग, लहसण, अदरक, तुलसी के पत्तों का सेवन भी लाभप्रद हैं। उन्होंने आशंका जताई कि वर्ष २०३० तक देश में इस तरह के रोगों के पीछ ६.२ ट्रिलियन डॉलर खर्च आ सकता है।देश में हर तीन महिलाओं में से एक की मौत हृदय संबंधित बीमारियों या फिर स्ट्रॉक से होती हैं।

 
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