कुछ सालों से पर्याप्त बारिश नहीं मामले के मुताबिक बनासकांठा जिले में मानसून के दौरान पिछले कुछ सालों से पर्याप्त बारिश नहीं होने से भूगर्भ जल की स्थिति दयनीय है। इससे किसानों को हर साल गर्मी में भीषण परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसानों का कहना है कि बनासकांठा जिले की जीवन रेखा समान तीनों बांध- दांतीवाड़ा, सीपू और मुक्तेश्वर-अभी खाली हैं। परिणामस्वरूप किसानों के समक्ष पेयजल का संकट पैदा हो गया है।
किसान का कहना है कि पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से यहां पर वार्षिक औसत बारिश में कमी होती जा रही है। इससे भूगर्भ जल का संकट है। इसलिए तालाब व बांध को नर्मदा के पानी या अन्य स्त्रोत से इसे भरा जाना चाहिए।
किसान का कहना है कि पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से यहां पर वार्षिक औसत बारिश में कमी होती जा रही है। इससे भूगर्भ जल का संकट है। इसलिए तालाब व बांध को नर्मदा के पानी या अन्य स्त्रोत से इसे भरा जाना चाहिए।
प्रशासन की ओर से आश्वासन किसानों की मांग को लेकर कलक्टर ने इन किसानों को आश्वासन दिया। तालाब को भरने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। कलक्टर ने किसानों की इस मांग को लेकर राज्य सरकार तक गुहार लगाने का आश्वासन दिया।
किसानों की मांग जायज, प्रशासन का भी सकारात्मक रूख पहले बारिश होती थी जिससे करमावत तालाब रिचार्ज हो जाता था, लेकिन अब बारिश नहीं होने के चलते ऐसा नहीं हो पाता। किसानों की इस तालाब को पानी से भरने की मांग जायज है। हालांकि प्रशासन व राज्य सरकार इसे लेकर काफी सकारात्मक है।
शंकर चौधरी, भाजपा नेता सह बनास डेयरी के चेयरमैन
सभी स्तर पर लगाई गुहार किसानों की मांग का उनका समर्थन है। पिछले साढ़े चार वर्ष से करनावत तालाब व मुक्तेश्वर बांध में नर्मदा के पानी के लिए सभी स्तर पर गुहार लगाई है। इस तालाब के मुद्दे को लेकर राज्य विधानसभा में उन्होंने ही पहली बार आवाज उठाई।
सभी स्तर पर लगाई गुहार किसानों की मांग का उनका समर्थन है। पिछले साढ़े चार वर्ष से करनावत तालाब व मुक्तेश्वर बांध में नर्मदा के पानी के लिए सभी स्तर पर गुहार लगाई है। इस तालाब के मुद्दे को लेकर राज्य विधानसभा में उन्होंने ही पहली बार आवाज उठाई।
जिग्नेश मेवाणी, वडगाम के विधायक