आणंद जिला प्राथमिक संघ के अध्यक्ष पर घपले का आरोप
आणंद. जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पर तहसील संघों के सदस्यों की फीस के रुपए में घपले का आरोप लगाया गया है।
पेटलाद तहसील शिक्षक संघ के अध्यक्ष रितेश पटेल व शिक्षक नरेन्द्र ने आरोप लगाया है कि आरटीई के तहत मांगी गई जानकारी में यह घपला सामने आया था। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (डीडीओ) अमितप्रकाश यादव से शिकायत की गई है।
शिकायत में आरोप लगाया है कि जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के संविधान में गैरकानूनी रूप से फेरबदल किया गया है और संघ के अध्यक्ष अरविंदभाई चावड़ा सहित पदाधिकारियों ने संघ की इकाई (तहसील संघ) के सदस्यों से जो फीस ली जाती है, उसमें यह घपला किया गया है।
नियमानुसार सदस्यों से प्रति वर्ष जो फीस ली जाती है उसमें से ६० प्रतिशत हिस्सा वापस दिया जाता है, जबकि ४० प्रतिशत हिस्सा जिला शिक्षा संघ अपने पास रखता है, लेकिन अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों ने ४० प्रतिशत रुपए वापस किए और ६० प्रतिशत रुपए अपने पास रखे। शिकायत में आरोप लगाया है कि अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों ने २० प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखकर घपला किया।
आणंद. जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पर तहसील संघों के सदस्यों की फीस के रुपए में घपले का आरोप लगाया गया है।
पेटलाद तहसील शिक्षक संघ के अध्यक्ष रितेश पटेल व शिक्षक नरेन्द्र ने आरोप लगाया है कि आरटीई के तहत मांगी गई जानकारी में यह घपला सामने आया था। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (डीडीओ) अमितप्रकाश यादव से शिकायत की गई है।
शिकायत में आरोप लगाया है कि जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के संविधान में गैरकानूनी रूप से फेरबदल किया गया है और संघ के अध्यक्ष अरविंदभाई चावड़ा सहित पदाधिकारियों ने संघ की इकाई (तहसील संघ) के सदस्यों से जो फीस ली जाती है, उसमें यह घपला किया गया है।
नियमानुसार सदस्यों से प्रति वर्ष जो फीस ली जाती है उसमें से ६० प्रतिशत हिस्सा वापस दिया जाता है, जबकि ४० प्रतिशत हिस्सा जिला शिक्षा संघ अपने पास रखता है, लेकिन अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों ने ४० प्रतिशत रुपए वापस किए और ६० प्रतिशत रुपए अपने पास रखे। शिकायत में आरोप लगाया है कि अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों ने २० प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखकर घपला किया।
डीडीओ ने जांच सौंपी :
डीडीओ अमित प्रकाश यादव का कहना है कि जिला शिक्षा संघ में घपले के आरोप के साथ कुछ शिक्षकों की लिखित में शिकायत मिली है। इस संबंध में सांख्यिकी अधिकारी को जांच सौंपी गई है और १५ दिनों में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के बाद भी आगे की कार्रवाई की जाएगी।