वडोदरा. केंद्रीय भूतल परिवहन व राजमार्ग राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत सरकार की ओर से गुजरात में तीन नए एक्सप्रेस-वे में से दिल्ली-वडोदरा, वडोदरा-किम 2020 व अहमदाबाद-धोलेरा 2023 तक बनाए जाएंगे। यहां वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा बैठक में उन्होंने शनिवार को यह जानकारी दी।
मांडविया ने कहा कि दिल्ली-वडोदरा 854 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 21,125 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। इसी प्रकार वडोदरा-मुंबई एक्सपे्रस वे में गुजरात से गुजरने वाले वडोदरा-किम 125 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे पांच चरणों में बनाया जाएगा। यह दोनों कार्य आगामी अक्टूबर/नवंबर महीने में शुरू करके यह कार्य वर्ष 2020 में अक्टूबर/नवंबर महीने तक पूरे किए जाएंगे। इनके अलावा अहमदाबाद-धोलेरा 110 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 7,700 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2022-23 तक बनेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में एक्सप्रेस-वे के निर्माण से परिवहन में तेजी आएगी, इससे उद्योग-धंधों का विकास त्वरित गति से होगा, यात्रा के समय में 40-50 प्रतिशत समय बचेगा।
इकोनोमिकल कॉरिडोर का निर्माण भी
मांडविया ने कहा कि इनके अलावा राजस्थान के सांचोर से गुजरात के राघनपुर-सामखियाली 130 किलोमीटर लंबे इकोनोमिकल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2000 करोड़ रुपए की लागत से करवाया जाएगा। अगले वर्ष शुरू होने वाला यह कार्य वर्ष 2022-23 में पूरा होगा। इस मार्ग के निर्माण से उत्तर भारत को गुजरात व कंडला पोर्ट तक 100 किलोमीटर छोटा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, इससे उत्तर भारत के व्यापार में तेजी आने के साथ समय व धन की बचत भी होगी।
मांडविया ने कहा कि दिल्ली-वडोदरा 854 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 21,125 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। इसी प्रकार वडोदरा-मुंबई एक्सपे्रस वे में गुजरात से गुजरने वाले वडोदरा-किम 125 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे पांच चरणों में बनाया जाएगा। यह दोनों कार्य आगामी अक्टूबर/नवंबर महीने में शुरू करके यह कार्य वर्ष 2020 में अक्टूबर/नवंबर महीने तक पूरे किए जाएंगे। इनके अलावा अहमदाबाद-धोलेरा 110 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 7,700 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2022-23 तक बनेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में एक्सप्रेस-वे के निर्माण से परिवहन में तेजी आएगी, इससे उद्योग-धंधों का विकास त्वरित गति से होगा, यात्रा के समय में 40-50 प्रतिशत समय बचेगा।
इकोनोमिकल कॉरिडोर का निर्माण भी
मांडविया ने कहा कि इनके अलावा राजस्थान के सांचोर से गुजरात के राघनपुर-सामखियाली 130 किलोमीटर लंबे इकोनोमिकल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2000 करोड़ रुपए की लागत से करवाया जाएगा। अगले वर्ष शुरू होने वाला यह कार्य वर्ष 2022-23 में पूरा होगा। इस मार्ग के निर्माण से उत्तर भारत को गुजरात व कंडला पोर्ट तक 100 किलोमीटर छोटा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, इससे उत्तर भारत के व्यापार में तेजी आने के साथ समय व धन की बचत भी होगी।
किसानों को क्षतिपूर्ति नीति में सुधार
उन्होंने कहा कि इन मार्ग योजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीनों की किसानों को क्षतिपूर्ति राशि देने की नीति में सुधार किया गया है। इनके कारण अब किसानों को अधिक क्षतिपूर्ति मिलेगी। एक किलोमीटर के क्षेत्र में अलग-अलग किसानों को जंत्री के अनुसार अलग-अलग भाव दिया जाता था लेकिन अब जिस किसान को सबसे अधिक भाव मिलेगा, उसी अनुरूप सभी किसानों को क्षतिपूर्ति दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इन मार्ग योजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीनों की किसानों को क्षतिपूर्ति राशि देने की नीति में सुधार किया गया है। इनके कारण अब किसानों को अधिक क्षतिपूर्ति मिलेगी। एक किलोमीटर के क्षेत्र में अलग-अलग किसानों को जंत्री के अनुसार अलग-अलग भाव दिया जाता था लेकिन अब जिस किसान को सबसे अधिक भाव मिलेगा, उसी अनुरूप सभी किसानों को क्षतिपूर्ति दी जा रही है।
नर्मदा-तापी-साबरमती वाटर वेज की पहचान
मांडविया ने कहा कि इनलेंड वाटर वेज के विकास की दृष्टि से नर्मदा-तापी-साबरमती की पहचान की गई है। इसके अलावा समुद्र किनारे शिपिंग के साथ यात्री परिवहन की समन्वित सुविधाओं को भी गति दी जाएगी।
मांडविया ने कहा कि इनलेंड वाटर वेज के विकास की दृष्टि से नर्मदा-तापी-साबरमती की पहचान की गई है। इसके अलावा समुद्र किनारे शिपिंग के साथ यात्री परिवहन की समन्वित सुविधाओं को भी गति दी जाएगी।